Wednesday, 16 December 2020

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने दिया ट्रंप को तगड़ा झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट से लगा है बड़ा झटका। ट्रंप और उनके प्रचार अभियान दल ने हाल में सम्पन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे और कई प्रांतों में जो बाइडन की जीत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं प्रांतीय चुनाव अधिकारियों और मुख्य धारा के मीडिया का कहना है कि उन्हें धोखाधड़ी के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। ट्रंप की चुनाव परिणामों को पलटने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इन याचिकाओं को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी और उसके समर्थकों की ओर से दायर किया गया था। इनमें दलील दी गई थी कि कोर्ट उन कांटे के मुकाबले वाले प्रांतों के चुनाव परिणामों को पलट दे, जिसमें डेमोक्रेडिट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने जीत दर्ज की है। फैसले से गुस्साए ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट करके कहा, सुप्रीम कोर्ट वास्तव में मुझे नीचा दिखाना चाहता है। न तो उसमें किसी प्रकार की समझ है और न ही साहस। यह फैसला कानूनी तौर पर मेरा अपमान है और अमेरिका के लिए शर्मिंदगी से भरा है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन को जीत मिली है। वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने संक्षिप्त और बिना हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा, टेक्सास ने उस प्रकार से न्यायिक संज्ञेय में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिस प्रकार से अन्य राज्य चुनाव आयोजित करते हैं। इसलिए सभी लंबित प्रस्ताव विवादित करार देते हुए खारिज किए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को ट्रंप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो बाइडन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए परिणामों को पलटने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सैमुअल एलीटो और न्यायाधीश क्लैंट्स थॉमस ने कहा कि उनका मानना है कि अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए, लेकिन उन्होंने टेक्सास के दावे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की। कम से कम 126 रिपब्लिकन सांसदों ने इस मुकदमे का समर्थन किया था। खुद डोनाल्ड ट्रंप ने भी इन याचिकाओं को लेकर खुशी जाहिर की थी और कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जीत की उम्मीद है। अदालत के आदेश आने के बाद प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि अदालत ने लाखों अमेरिकी मतदाताओं की इच्छा को पलटने के रिपब्लिकन पार्टी के गैर-कानूनी और अलोकतांत्रिक मुकदमे को खारिज करने का सही कदम उठाया है। याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों ने प्रतिनिधि सभा का अपमान किया है। प्रतिनिधि सभा के ही एक प्रमुख नेता स्टेनी होचर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि चुनावों में किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हुई थी और जो बाइडन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ट्रंप कंपैन के तेवर ढीले पड़ते नहीं दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के निजी वकील रुडी गुलियानी ने कहा कि राष्ट्रपति की कानूनी टीम चुनाव परिणामों को चुनौती देती रहेगी। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, फैसलों में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है जो हमें जिला अदालतों में याचिका दायर करने से रोकता है। विश्वास रखिए हम चुनौती देने जा रहे हैं।

No comments:

Post a Comment