Thursday, 10 December 2020
सिमी का आतंकी अब्दुल्ला दानिश
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2001 में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से ही फरार चल रहे संगठन के मुख्य सदस्य इस्लामिक मूवमेंट हिन्दी मैगजीन के चीफ एडिटर अब्दुल्ला दानिश को काफी तलाश के बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने दिल्ली के जाकिर नगर इलाके से दबोच लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान 58 वर्षीय अब्दुल्ला दानिश के तौर पर की गई है। आरोप है कि वह प्रतिबंधित संगठन सिमी को नए नाम से लांच करने की तैयारी में लगे थे। मुंबई, अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार आतंकियों से जेल में लगातार सम्पर्क कर रहे थे। दानिश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित बुधपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी को एक गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार को ट्रैप लगाकर गिरफ्तार किया। वह पिछले 19 साल से फरार था। इसकी पुष्टि करते हुए स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि आरोपी अब्दुल्ला दानिश पर राष्ट्रद्रोह के केस दर्ज होने के अलावा दिल्ली में देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का भी आरोप है। तब से ही आरोपी की दिल्ली पुलिस को तलाश थी। काफी समय तक फरार रहने की वजह से उसे 2002 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। आरोपी पिछले 25 सालों के दौरान कई मुस्लिम युवाओं का माइंड वॉश करवाकर उन्हें आतंकी संगठनों और सिमी से जोड़ चुका है। आरोपी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों से मुस्लिम युवाओं को सिमी से जोड़ता था। गिरफ्तार आरोपी अब्दुल्ला के परिवार में चार भाई और तीन बहनें हैं। पुलिस के मुताबिक उसके माता-पिता पहले हिन्दू थे, बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था। माता-पिता की वजह से दानिश अब्दुल्ला आजमगढ़ स्थित मदरसे में भी जाता था। इसके बाद वह सिमी से जुड़ गया। वह लगातार युवाओं को सिमी सहित अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जोड़ता रहा है। दानिश एनआरसी और सीएए के खिलाफ लामबंद होने और सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने के लिए कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार कर रहा था। इसके लिए वह नए लड़कों की भर्ती कर रहा था। साथ ही फर्जी वीडियो का इस्तेमाल करके मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचारों का झूठा प्रचार करता रहा है। 27 सितम्बर 2001 में भारत सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध लगाया था। संगठन के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस की। जब पुलिस ने छापेमारी की, सिमी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया, कई कार्यकर्ता घटनास्थल से फरार हो गए। उनमें अब्दुल्ला दानिश भी शामिल था। तब से फरार चल रहा था। शनिवार को आखिरकर वह दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
-अनिल नरेन्द्र
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