Saturday 12 December 2020

दिल्ली को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम

देश की राजधानी की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, आतंकी गुट हिजबुल मुजाहिद्दीन और खालिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा किया। पुलिस ने सोमवार सुबह पूर्वी दिल्ली के रमेश पार्क में मुठभेड़ के बाद पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया। संदिग्ध आतंकियों में से दो पंजाब और तीन जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। पंजाब निवासी दोनों संदिग्ध आईएसआई और खालिस्तान गुटों के इशारे पर दिल्ली में संघ नेताओं की हत्या करने आए थे, जबकि कश्मीरी इन दोनों को नारको आतंकवाद के जरिये फंडिंग करने आए थे। खालिस्तान समर्थक संदिग्ध ही शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या में शामिल थे। स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि टीम को सूचना मिली कि खालिस्तानी सुख भिखारीवाल ने पंजाब से दो कथित आतंकी शार्प शूटर दिल्ली भेजे हैं। कथित कश्मीरी आतंकी खालिस्तानी शार्प शूटरों को फंडिंग के लिए नकदी व हेरोइन सौंपेंगे। करीब आठ करोड़ की हेरोइन को बेचकर पैसे का आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाएगा। सुबह करीब 6ः45 बजे टीम ने संदिग्धों को रोकने का इशारा किया तो उन्होंने पुलिस टीम पर गोलियां बरसा दीं। 13 राउंड फायरिंग के बाद सभी को दबोच लिया गया। दिल्ली में गिरफ्तार पांच संदिग्धों की निशानदेही और दिल्ली पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट की मदद से खालिस्तानी हैंडलर सुख भिखारीवाल को दुबई से दबोच लिया गया। भारत सरकार ने सुख भिखारीवाल को भारत लाने के लिए दुबई से बातचीत व कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सुख भिखारीवाल खालिस्तान का प्रमुख हैंडलर था और पंजाब व आसपास के इलाकों में खालिस्तान के खिलाफ आवाज उठाने वाले आठ से ज्यादा लोगों की हत्या करवा चुका था। शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या में भी वह शामिल था। दिल्ली में गिरफ्तार उसके साथियों ने पुलिस को बताया कि उनकी भिखारीवाल से रोज बात होती थी। दुबई में होने की जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई और सरकार ने दुबई प्रशासन से बात की और भिखारीवाल को वहां पकड़ लिया गया। जल्द उसे भारत लाया जा सकता है। हालांकि इस बार एक बात की ओर जरूर ध्यान दिलाना चाहिए कि महामारी से लड़ने सहित किसान आंदोलन के मद्देनजर राजधानी में चौकसी के बावजूद पांच संदिग्ध हथियारों सहित कैसे अपने ठिकाने पर पहुंच गए? यह किसी से छिपा नहीं है कि आतंकी संगठनों के सदस्यों द्वारा मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी से जमा किए गए पैसों का इस्तेमाल भारत में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलने के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में किया जाता रहा है। यह भी जगजाहिर है कि ज्यादातर आतंकी संगठन पाकिस्तान स्थित अपने ठिकानों से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई ने समय रहते एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करके बड़े आतंकी हमले से राजधानी को बचा लिया। -अनिल नरेन्द्र

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