Tuesday, 8 December 2020
तुर्की की कश्मीर में सीरियाई लड़ाकों को भेजने की योजना
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन हमेशा से ही पाकिस्तान का कई मुद्दों पर समर्थन करते रहे हैं। इसी बीच उन्हें लेकर एक नया खुलासा हुआ है। यह खुलासा ग्रीस के एक जाने-माने पत्रकार ने अपनी रिपोर्ट में किया है। दरअसल ग्रीस के पत्रकार एंड्रियास माउंटजौरौली ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि एर्दोगन पाकिस्तान की सहायता के लिए कश्मीर में सीरिया के विद्रोही आतंकियों को भेजने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए तुर्की के अधिकारियों ने कई आतंकी गुटों से बात की है। ग्रीस की न्यूज वेबसाइट पेंटापोस्टागमा पर प्रकाशित अपने लेख में एंड्रियास माउंटजौरौली ने लिखा है कि सीरियन नेशनल आर्मी मिलिशिया के सुलेमान शाह ब्रिगेड्स के कमांडर मोहम्मद अबू इम्सा ने कुछ दिन पहले ही अपने साथी मिलिशिया सदस्यों से कहा है कि तुर्की यहां से कश्मीर में अपने कुछ यूनिट्स को तैनात करना चाहता है। सुलेमान ब्रिगेड्स को तुर्की का खुला समर्थन हासिल है, जिसका उत्तरी सीरिया के अफरीन जिले पर पूरा नियंत्रण है। सुलेमान ब्रिगेड के कमांडर अबू इम्सा ने यह भी कहा कि तुर्की के अधिकारी सीरिया के अन्य हथियारबंद गिरोहों से इस बारे में बात कर रहे हैं। वे गिरोह के कमांडरों से उन लोगों के नाम बताने को कह रहे हैं जो कश्मीर जाना चाहते हैं। अबू इम्सा से कहा कि कश्मीर जाने वाले आतंकियों को तुर्की की तरफ से 2000 डॉलर की राशि भी दी जाएगी। कमांडर ने अपने गिरोह से कहा कि कश्मीर भी उतना ही पहाड़ी है जितना आर्मीनिया का नागोर्नो काराबाख है। तुर्की ने आर्मीनिया के साथ लड़ाई में खुलकर अजरबैजान का साथ दिया था। इतना ही नहीं, तुर्की ने सीरिया में अपने सहयोगी आतंकी संगठन के लड़ाकों को काराबाख में लड़ाई के लिए तैनात भी किया था। खुद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसकी पुष्टि की थी। किलिंग मशीन कहे जाने वाले इन आतंकवादियों को मुस्लिम देश अजरबैजान के पक्ष में ईसाई देश आर्मीनिया से युद्ध के लिए काफी पैसा भी दिया गया था। रिपोर्ट में लिखा है कि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन मुस्लिम दुनिया का सबसे बड़ा नेता बनने की कोशिश में हैं। सऊदी अरब के इस्लामिक वर्ल्ड पर प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए राष्ट्रपति एर्दोगन ऐसे कदम उठा रहे हैं। पत्रकार ने यहां तक लिखा है कि एर्दोगन कश्मीर मुद्दे पर भारत को धमकी भी दे रहे हैं। उन्होंने लिखा कि तुर्की लंबे समय से भूमध्य सागर क्षेत्र में ग्रीस, साइप्रस और मिस्र के खिलाफ आक्रमक तैयारियों में जुटा है। ग्रीस के पत्रकार ने दावा किया है कि तुर्की और पाकिस्तान आपस में रक्षा सहयोग को बढ़ाकर दूसरे देशों की जमीन लूटना चाहते हैं। हाल में ही शील्ड ऑफ मेडेटेरियन युद्धाभ्यास के दौरान पाक लड़ाकू विमान तुर्की पहुंचे थे। राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान की सहायता से ग्रीस की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करना चाहते हैं। इसलिए ही वह कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की सहायता के लिए आतंकी गुटों को भेजने की योजना बना रहे हैं।
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