Wednesday 23 December 2020
एक ही दिन सर्वोच्च स्कोर भी और न्यूनतम स्कोर भी
49204084041 नम्बर ही में आपके क्रेडिट कार्ड का ओटीपी नम्बर है, न ही नया मोबाइल नम्बर, यह ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड टेस्ट में टीम इंडिया के निहायत शर्मनाक प्रदर्शन का स्कोर कार्ड है। भारतीय प्रशासकों ने शनिवार को सुबह टीवी में जो देखा उससे उनका दिल और दिमाग दोनों ही हिल गए। भारतीय सरजमीं के बाहर पहला डे-नाइट टेस्ट खेल रही विराट सेना ने गुरुवार और शुक्रवार को जैसा प्रदर्शन किया था, उससे लग रहा था कि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुलाबी गेंद का पहला टेस्ट मैच जीतकर शायद इतिहास रच दें। शनिवार को इतिहास तो रचा गया, लेकिन यह ऐसा इतिहास है जो कोई भी भारतीय याद नहीं करना चाहेगा। पहली पारी में 244 रन बनाकर 53 रनों की बढ़त लेने वाली भारतीय टीम की दूसरी पारी 86 मिनट और 92 गेंदों में 36 रनों पर ही खत्म हो गई। इसके बाद 90 रनों के आसान से लक्ष्य को दो विकेट पर हासिल करके मेजबान टीम ने आठ विकेट से जीत दर्ज कर ली। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त ले ली। विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम ने अगर टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड अपने नाम लिखवाया तो उनके नेतृत्व में ही टीम ने ठीक चार साल बाद न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड भी बना दिया। संयोग से यह दोनों रिकॉर्ड एक ही दिन 19 दिसम्बर को बने। आज से चार साल पहले 19 दिसम्बर 2016 की कहानी एकदम भिन्न थी। मैदान था चेन्नई का एमए चिदंबरम स्टेडियम जब कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली बारी में सात विकेट पर 759 रन पर समाप्त करके टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर का नया रिकॉर्ड बनाया था। पिछला रिकॉर्ड सात विकेट पर 726 रन था जो उसने श्रीलंका के खिलाफ 2009 दिसम्बर में ही मुंबई में बनाया था। भारत की जिस टीम ने सर्वोच्च स्कोर बनाया था उसमें वर्तमान टीम के चार खिलाड़ी विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन और उमेश यादव शामिल थे। लेकिन वह करुण नायर की नाबाद 303 रन और एके राहुल की 199 रन की पारी थी जिसके दम पर भारतीय टीम ने सर्वोच्च स्कोर का अपना नया रिकॉर्ड बनाया था। भारत के दोनों न्यूनतम स्कोर में कुछ समानताएं भी हैं। भारत ने 1974 में मैच के चौथे दिन बिना किसी नुकसान के दो रन से आगे खेलना शुरू किया और फिर पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। भारत का केवल एक बल्लेबाज सोलकर (नाबाद 18) दोहरे अंक में पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया की गर्मियों में 46 साल बाद यही कहानी दोहराई गई। जिस टीम में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाज हों वह 23.2 ओवर में 36 रन पर आउट हो गई। भारत का कोई बल्लेबाज दोहरे अंक में नहीं पहुंचा और मोहम्मद शमी के रिटायर्ड हर्ट होने के कारण भारतीय पारी समाप्त हो गई। टीम इंडिया के इस शर्मनाक प्रदर्शन पर तमाम किक्रेटप्रेमियों को धक्का लगना स्वाभाविक है। वह यकीन ही नहीं कर पा रहे कि टीम इंडिया ने इतना खराब खेला।
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