Wednesday, 9 December 2020

चीनी भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से दुनिया में फैला कोरोना

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में विफलता को लेकर चीन एक बार फिर सवालों के घेरे में है। चीन की शीर्ष रोग नियंत्रण एजेंसी में गोपनीयता और पक्षपात के कारण बड़े पैमाने पर जांच की कमी रही और गड़बड़ियां सामने आईं, जिनसे कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के शुरुआती प्रयास बाधित हुए। समाचार एजेंसी एसोसिएटिड प्रेस की पड़ताल में यह बात सामने आई है। पड़ताल के मुताबिक चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने जांच किटों और वितरण का अधिकार विशेष रूप से शंघाई की तीन ऐसी कंपनियों को दिया जिनसे अधिकारियों के व्यक्तिगत संबंध थे। इन कंपनियों के बारे में हालांकि तब तक लोगों ने ज्यादा सुना भी नहीं था। यह पड़ताल 40 से ज्यादा चिकित्सकों, सीडीसी कर्मचारियों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और उद्योग के बारे में जानकारी रखने वालों के साथ ही आंतरिक दस्तावेजों, अनुबंधों, संदेशों और ई-मेल पर आधारित है। इस मामले और लेन-देन के बारे में जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के मुताबिक शंघाई की कंपनियोंöजीनियो डिएक्स बॉयोटेक, हुर्रसई बॉयोटेक्नोलॉजी और बॉयोजर्म मेडिकल टेक्नोलॉजी ने चीन सीडीसी को सूचना और वितरण अधिकार के लिए भुगतान किया। सूत्रों ने कहा कि कीमत प्रत्येक के लिए 10 लाख आरएमबी (1,46,600 डॉलर) थी। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या रकम खास व्यक्तियों के पास गई। इस बीच सीडीसी और उसकी पितृ एजेंसी नेशनल हेल्थ कमीशन ने अन्य वैज्ञानिकों और संगठनों को अपने घरेलू किटों से विषाणु की जांच करने से रोकने का प्रयास किया। उन्होंने मरीजों के नमूनों को नियंत्रण में ले लिया और कोरोना वायरस से मामले की पुष्टि के लिए जांच के पैमानों को और ज्यादा जटिल बना दिया। अन्य गलतियों और देरी से जांच की समस्याओं ने विषाणु को वुहान में बेरोकटोक अपनी जड़ें जमाने और दुनियाभर में प्रसार का मौका दिया। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सीनियर फैलो यान झोंग हुआंक ने कहाöक्योंकि आपके पास जांच किट उपलब्ध कराने वाली सिर्फ तीन कंपनियां थीं, इससे जांच की क्षमता बेहद सीमित हो गई। उन्होंने कहाöयह एक प्रमुख समस्या थी जिससे मामलों और मौतों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। चीन के विदेश मंत्रालय और चीन की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ‘नेशनल हेल्थ कमीशन’ ने इस मामले में प्रतिक्रिया के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया। अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया कि कोरोना वायरस के विश्वभर में फैलने के पीछे चीन की साजिश और भ्रष्टाचार था।

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