Wednesday, 2 December 2020
ममता बनर्जी को झटका
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर्स के चेयरमैन पद के साथ परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ी चुनौती दी है। जाहिर है कि शारदा चिट फंड और नारद घोटाले में नाम आने तथा पार्टी में अभिषेक बनर्जी के बढ़ते कद के कारण नेतृत्व से शुभेंदु की जो दूरी बनी थी, वह इतनी ज्यादा हो गई है कि मेल-मिलाप की संभावना क्षीण लगती है। कुछ दिनों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नाराज चल रहे अधिकारी को एक दिन पहले ही हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर्स (एमआरबीसी) के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। अब यह सवाल है कि वह पार्टी की सदस्यता से भी जल्द इस्तीफा देंगे या नहीं? पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अधिकारी ने कुछ समय से तृणमूल सुप्रीमो के साथ दूरी बना ली थी। पश्चिम बंगाल के चुनाव के कुछ ही महीने दूर हैं और ऐसे समय पर उन्होंने इस हफ्ते एक अराजनीतिक बैनर के तहत पूर्वी मिदनापुर के खेजूरी में एक विशाल रैली भी निकाली थी। दरअसल बीते कुछ महीनों में पार्टी नेताओं से दूरी रखने और मंत्रिमंडल की बैठकों में भी हिस्सा नहीं लेने पर ऐसी अटकलें तेज हो गईं थीं कि वह पार्टी में रहेंगे या नहीं। हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि शुमेंद्र कहां जाएंगे पर मंत्रिपद से इस्तीफे का पत्र उन्होंने जिस तत्परता से उसे ट्वीट किया, फिर उनके इस्तीफे पर राज्य भाजपा अध्यक्ष और भाजपा प्रभारी ने जैसी टिप्पणियां कीं, उससे उनके भाजपा में जाने की उम्मीदें बढ़ी हैं। यह नहीं कि मुकुल रॉय के बाद शुमेंद्र का जाना तृणमूल के लिए बड़ा झटका होगा और पूर्व मिदनापुर में तृणमूल के पास उनका फिलहाल विकल्प भी नहीं है। फिर उनके साथ कई और विधायकों के पार्टी से अलग होने की भी सूचना है। विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल में लग रही सेंध ममता बनर्जी के लिए चिन्तनीय होना चाहिए क्योंकि इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।
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