Wednesday, 14 April 2021
बैंक ने गरीबों के खाते से काट लिए 300 करोड़ रुपए
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छोटे बैंक जमा और जनधन खाताधारकों से करीब 300 करोड़ रुपए वसूल लिए। महीने में चार से ज्यादा ट्रांजेक्शन करने पर गलत तरीके से प्रति निकासी 17.70 रुपए तक की रकम वसूली है। आईआईटी बाम्बे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक बैंक ने मिशन डिजिटल इंडिया के तहत किए जा रहे यूपीआई, इंटरनेट लेनदेन समेत डेबिड कार्ड इस्तेमाल करने पर भी राशि काटी है। यह राशि 2015 से 2020 के दौरान एसबीआई ने 12 करोड़ जनधन खातों से काटी है। इनमें वित्तवर्ष 2018-2019 में 72 करोड़ व 2019-2020 में 158 करोड़ रुपए ग्राहकों से वसूले। 2015 से 2020 के दौरान पंजाब नेशनल बैंक ने भी करीब 9.5 करोड़ रुपए वसूले हैं। ज्यादातर बैंकों ने यह शुल्क नहीं लिया जिसमें चार प्रमुख और सरकारी बैंक शामिल हैं। कुछ बैंकों ने जो वसूली की थी उसे वापस भी किया है। आईसीआईसीआई बैंक ने पहले शुल्क लगाया लेकिन बाद में वापस कर दिया। रिजर्व बैंक के एक अधिकारी का कहना है कि बैंकों की गलत वसूली से सरकार के इस मिशन को धक्का पहुंचा है। आम लोगों की सहूलियत के लिए जनधन खाते खोले गए थे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ऐसे ग्राहकों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। रिपोर्ट तैयार करने वाले प्रोफेसर आशीष दास ने हिन्दुस्तान को बताया कि रिजर्व बैंक का निर्देश है कि जून 2019 तक वसूली न की जाए। हर महीने चार लेन-देन मुफ्त करने दें उसके बाद लेन-देन का विकल्प बैंक तय करें पर शुल्क नहीं लगाया जा सकता है। रिजर्व बैंक को शुल्क लगाने वाले बैंकों को जनता से काटे रुपए वापस करने के आदेश देने चाहिए और सख्ती से कहा जाए कि भविष्य में भी ऐसा न करें।
-अनिल नरेन्द्र
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