Saturday, 17 April 2021
शमशान में कतार, कोवैक्सीन चोरी, दवाओं की कालाबाजारी
कोरोना महामारी में जहां रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत हो रही हैं, वहीं लोगों को बचाने के लिए बनाई गई व्यवस्थाएं भी अलग-अलग वजहों से बिगड़ चुकी हैं। कई जगहों पर जरूरी टीकों की कालाबाजारी से लेकर चोरी तक हो रही है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं, जिससे इलाज से दूर मरीजों की मौत भी हो रही है। जानिए बुधवार को विभिन्न राज्यों में सामने आए ऐसे ही कुछ मामले। छत्तीसगढ़ और झारखंड की राजधानी रांची में तो हालात इस कद्र खराब हैं कि अस्पताल से लेकर शमशान और कब्रिस्तान तक लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। शवदाह के लिए प्लेटफार्म बढ़ाने पड़ रहे हैं। गुजरात के सूरत में कब्रों की एडवांस में खुदाई कराई जा रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल शहरों का भी हाल बेहाल है। रांची में मरीजों को न तो अस्पतालों में बैड मिल रहे हैं और न ही समय पर सैंपलों की जांच हो पा रही है। अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लग रही है। एक साथ कतार में जलती लाशों का नजारा इससे पहले कभी नहीं देखा गया। सभी निजी अस्पतालों में मरीजों को नो बैड का हवाला देकर वापस किया जा रहा है। पिछले चार दिनों में राज्य में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। रांची में मंगलवार को 52 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि सोमवार को 22 व बुधवार को 12 से अधिक शवों की अंत्येष्टि हुई। राजस्थान के शास्त्राr नगर के कावंटिया अस्पताल में रखी गई कोवैक्सीन की 320 डोज चोरी हो गई। चोरी 12 अप्रैल को हुई थी, लेकिन केस बुधवार को दर्ज करवाया गया। ऐसे समय में जब कई राज्यों में टीके की कम डोज बची है, यह चोरी व्यवस्थाओं को और बिगड़ने का काम कर रही हैं। यहां कई जिलों में दवाओं की कालाबाजारी और अधिक कीमत पर बेचने की शिकायतें भी आ रही हैं। गुजरात के कई जिलों में शमशान स्थलों के बाहर कोविड-19 से मरे लोगों का अंतिम संस्कार करने आए उनके परिजनों की कतारें नजर आ रही हैं। परेशान लोग पिछले एक हफ्ते से मजबूर हैं, क्योंकि दिन में बारी नहीं आ सकी। सामान्यत हिन्दू ऐसा नहीं करते। अहमदाबाद में शवदाह के लिए आठ-आठ घंटे कतार में इंतजार कर रहे हैं। सोमवार को सूरत में एक साथ 25 शवदाह किए गए। बड़ोदरा में निगम के अधिकारी हितेंद्र पटेल ने बताया कि भीड़ की वजह से रात को शवदाह किए जा रहे हैं। अस्थायी जमा करने को धातु की 75 ट्रे लगाई हैं, ताकि दाह स्थल जल्द खाली कर दूसरे का शवदाह करवा सकें। मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में शमशानों में शवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को इंदौर में 150 से ज्यादा शवों का दाह-संस्कार किया गया, वहीं राजधानी भोपाल में 88 संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया। जबलपुर के मौहनी मुक्ति धाम में बुधवार रात तक 50 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। महाराष्ट्र का हाल भी बुरा है। सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों की संख्या और उनमें बैड नहीं बढ़ाने की कीमत मरीज अपनी जान देकर चुका रहे हैं। ऐसे हालात में भी प्राइवेट अस्पताल इन मरते मरीजों और उनके परिजनों को लूट रहे हैं। महाराष्ट्र के पुणे, औरंगाबाद, नागपुर, ठाणे सहित कई जिलों में प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तीन लाख से आठ लाख रुपए तक वसूल रहे हैं। अधिकतर मरीज इस भारी खर्च से बचने के लिए सरकारी अस्पताल में बैड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन तब तक कोरोना वायरस उनके फेफड़ों में फैलकर जानलेवा बना रहा है और यह स्थिति आगे चलकर और खराब होने की संभावना है क्योंकि कोविड संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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