Tuesday, 20 April 2021
कोरोना का डर दिखाने की जगह समस्या का हल करे सरकार
किसान नेताओं ने सरकार को एक बार फिर चुनौती दी है कि वह धरना स्थल से नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि यहां अब आंदोलनकारी किसानों का एक गांव बस गया है। कोरोना का डर दिखाकर आंदोलन खत्म करने की सरकार की कोशिश बेकार जाएगी। इससे बेहतर है कि कोरोना रोकथाम के इंतजाम यहां भी किए जाएं। किसानों ने इसका पालन करना शुरू कर दिया है। धरना स्थल में किसानों के बीच पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ शब्दों में कहा कि किसान अपनी मांगें पूरी हुए बगैर किसी कीमत पर यहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हम कहां जाएंगे। यहीं रहेंगे। यह हमारा गांव है। कोई भी सरकार गांव के लोगों को भगा नहीं सकती। संयुक्त किसान मोर्चा, गाजीपर के नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि किसान आंदोलन एक गांव का रूप ले चुका है। सरकार आंदोलन खत्म कराने की कोई साजिश रचती है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। किसान एकता मंच से किसानों से उन्होंने कहा कि अब यह हमारा गांव बन गया है। कोरोना नियमों का पालन करते हुए आंदोलन जारी रखा जाएगा। किसान धरना स्थल से कहीं जा नहीं रहे हैं। बाहरी लोग बहुत कम ही आते हैं। उन्हें भी आने से रोक दिया जाएगा। देशभर में कोरोना रोकथाम के जो नियम लागू किए गए हैं वह आंदोलन स्थल पर भी लागू होंगे। उनका पालन किया जाएगा। किसान नेता गुरअमनजीत ने बेहद उत्तेजित होते हुए सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थल में कोई हिंसक घटना होती है तो उसके लिए सीधे रूप से सरकार जिम्मेदार होगी। धरना स्थल में किसानों को हटाने का विषय सुबह से प्रमुखता से चिलचिलाती गर्मी में प्रमुखता से छाया रहा। दोपहर होते-होते पश्चिमी हवाओं ने गर्मी से किसानों को राहत दी और शाम को धूल भरी आंधी के कारण मंच की गतिविधियां रोक दी थीं।
-अनिल नरेन्द्र
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