Wednesday, 21 April 2021
लालू को हाई कोर्ट ने दी जमानत
झारखंड उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपए के चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में शनिवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी और इसके साथ ही उनके जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया। चारा घोटाले से एक जुड़े केस में लालू 23 दिसम्बर 2017 से जेल में थे। न्यायमूर्ति एके सिंह ने लालू को जमानत दी। लालू का जेल से बाहर आने के लिए एक लाख के निजी मुचलके का बांड निचली अदालत में भरना होगा। हालांकि अदालत ने उन्हें जमानत अवधि के दौरान बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जाने तथा अपना पता और मोबाइल नम्बर नहीं बदलने का निर्देश दिया। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव की जमानत पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई की दलीलें खारिज कर दीं। लालू अभी नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में न्यायिक हिरासत में भर्ती हैं। सीबीआई की विशेष अदालत में जमानत संबंधी प्रक्रिया पूरी होने पर उनके जल्द जेल से रिहा हो जाने की संभावना है। उन्हें चारा घोटाले के अन्य तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। अधिवक्ता देवीष मंडल ने कहा कि लालू की रिहाई के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही जल्द ही सीबीआई अदालत खुलने पर पूरी कर लिए जाने की संभावना है। लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। रांची हाई कोर्ट ने उन्हें आधी सजा पूरी करने के बाद जमानत दी है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही लालू प्रसाद को जमानत मिलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी लेकिन चूंकि उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है, ऐसे में उन्हें अगले एक-दो हफ्ते तक शायद ही बाहर आने का मौका मिले। लालू प्रसाद के करीबियों के अनुसार वह पूरी तरह ठीक होने के बाद ही वह सार्वजनिक तौर पर सामने आएंगे। आरजेडी संस्थापक लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजा पाने के बाद जब तीन साल पहले तीसरी बार जेल गए थे तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या अब वह वापसी कर पाएंगे और क्या उनके बिना उनकी पार्टी एकजुट रह पाएगी? तब लालू प्रसाद पिछले कई सालों से यूपीए की धुरी रहे हैं। भाजपा के खिलाफ मजबूत आवाज रहे हैं। लेकिन उनके बेटे तेजस्वी यादव ने न सिर्फ आरजेडी को बिखरने से रोका बल्कि पिछले साल एनडीए को कड़ी चुनौती भी दी थी। ऐसे में सवाल है कि क्या लालू प्रसाद अब दोबारा आरजेडी में अपना दखल बढ़ाएंगे या राष्ट्रीय राजनीति में अधिक फोकस करेंगे? दो बार जेल जाने के बाद भले लालू प्रसाद और मजबूत बनकर निकले हों, लेकिन इस बार उनके सामने कठिन चुनौती है। लालू प्रसाद के अब तक के सियासी रिकॉर्ड को देखते हुए उनके विरोधियों की भी नजर होगी कि इस बार वापसी के बाद उनका क्या रुख रहता है? हालांकि आरजेडी के अंदर भी यह उत्सुकता रहेगी कि जिस पार्टी में पूरी तरह पीढ़ी परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां अब लालू प्रसाद की भूमिका कितनी होगी। आरजेडी के एक सीनियर लीडर ने कहा कि अभी लालू प्रसाद की जरूरत राष्ट्रीय राजनीति में सबसे अधिक है और वह विपक्षी दलों को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। बेटे तेजस्वी यादव का कहना था कि जमानत मिलने से खुशी है लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता है। वह जब तक स्वस्थ नहीं हो जाते वहीं रहेंगे।
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