Friday, 2 April 2021
मुख्तार को यूपी की जेल में आना ही पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में पंजाब सरकार को रूप नगर जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को केस चलाने के लिए उत्तर प्रदेश की जेल भेजने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि दो सप्ताह के भीतर मुख्तार को यूपी पुलिस की हिरासत में सौंपा जाए। जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस आरएस रेड्डी की पीठ ने यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि अंसारी को बांदा जेल में रखें और चिकित्सकीय सुविधाएं दी जाएं। याचिका में पंजाब सरकार पर मुख्तार को बचाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा चलाने के लिए उत्तर प्रदेश स्थानांतरित करने की गुहार लगाई थी। यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि करीब दो वर्षों से अदालतें समन भेज रही हैं पर पंजाब सरकार आनाकानी कर रही है। हालांकि पंजाब ने यूपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि राज्यों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, न कि बेबुनियाद आरोप लगाना चाहिए। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी 27 महीने में एक बार भी न्यायालय में पेश नहीं हुआ। जेल से ही वह खराब सेहत का हवाला देकर 54 बार तारीख लेता रहा। हालांकि रोपड़ जेल प्रशासन के अनुसार गंभीर बीमारियों से पीड़ित मुख्तार को कड़ी सुरक्षा के साथ कई बार इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। मोहाली में एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के आरोप में मुख्तार अंसारी 24 जनवरी 2019 से रोपड़ जेल में बंद है। मुख्तार को काफी समय से पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। इन दो साल में यूपी पुलिस की टीम करीब आठ बार अंसारी को लेने पंजाब जा चुकी है। हर बार सेहत, सुरक्षा और कोरोना का कारण बताकर जेल प्रशासन उसे सौंपने से इंकार करता रहा है। रोपड़ जेल प्रशासन के अनुसार अंसारी अवसाद, शुगर व रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित है। डाक्टरों ने उसे किसी अन्य जगह शिफ्ट करने से से मना किया है। मुख्तार भी अपने वकीलों के जरिये यूपी न जाने के लिए 54 बार तारीख ले चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोप लगाया कि मुख्तार को पंजाब जेल में रखने और उत्तर प्रदेश न भेजने में मुख्तार के साथ ही पंजाब सरकार की भी मिलीभगत दिखती है। पंजाब सरकार मुख्तार को बचा रही है। उत्तर प्रदेश ने कहा था कि पंजाब में 10 करोड़ की उगाही के जिस मामले में मुख्तार दो साल से पंजाब की जेल में है, उसमें अभी जांच पूरी नहीं हुई है और न ही आरोप पत्र दाखिल हुआ है। कोर्ट ने मुख्तार को पंजाब से उत्तर प्रदेश स्थानांतरित करने वाले अपने आदेश में पप्पू यादव और शहाबुद्दीन के मामले में दिए गए फैसलों को भी उद्धृत किया है। पंजाब में जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक गुंडे को इस तरह महिमामंडित नहीं करना चाहिए। सभी लोग उसके हमारी जेल में होने के कारण मुझ पर अंगुली उठाते हैं। कोर्ट के आदेश के बिना मैं उसे न तो रख सकता हूं और न ही छोड़ सकता हूं। पंजाब के डीजीपी जेल पीके सिन्हा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्तार को लेने आएगी। तो उसे पूरा सहयोग दिया जाएगा। मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 10 गंभीर आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। उसकी पेशी के लिए एक साल में 26 वारंट भेजे गए, लेकिन जेल अधिकारियों ने सेहत खराब होने का तर्प देकर वापस भेज दिया। खैर, अब तो सुप्रीम कोर्ट ने तय कर ही दिया है कि मुख्तार अंसारी का उत्तर प्रदेश स्थानांतरण होगा।
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