Wednesday, 28 April 2021
मामला महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री की गिरफ्तारी का
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में मामला दर्ज कर लिया और शनिवार को मुंबई में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने संबंधी बंबई हाई कोर्ट के आदेश पर प्रारंभिक जांच शुरू की थी। शाम तक खबर आते-आते पूर्व गृहमंत्री को हिरासत में भी ले लिया। अधिकारियों के मुताबिक जांच-पड़ताल के दौरान सीबीआई को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत देशमुख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने मुंबई में कई स्थानों पर छापे मारे। परमबीर सिंह ने 25 मार्च को देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें दावा किया गया था कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य अधिकारियों को बार एवं रेस्तराओं से 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था। वाजे एनआईए की जांच का सामना कर रहे हैं। यह जांच मुंबई के उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो एसयूवी मिलने के मामले से जुड़ी है। सिंह ने शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख के भ्रष्ट आचरण के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य वरिष्ठ नेताओं से शिकायत करने के बाद उनका तबादला किया गया। शीर्ष अदालत ने मामले को गंभीर बताया था, लेकिन सिंह को उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा था। इसके बाद सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर देशमुख के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराया और राकांपा नेता के खिलाफ सीबीआई से तत्काल एवं निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया। राकांपा ने अनिल देशमुख के ठिकानों पर चल रही सीबीआई की छापेमारी पर शनिवार को कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और दोहराया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच के बाद देशमुख और राज्य सरकार के खिलाफ रची गई राजनीतिक साजिश से पर्दा उठ जाएगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता तथा सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहाöकानून से ऊपर कोई नहीं है। अनिल देशमुख एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशमुख के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मलिक ने कहा कि एनआईए को अभी यह बताना है कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक सामग्री रखी तब वह किसके लिए काम कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगायाöइस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त (परमबीर सिंह) की क्या भूमिका थी? यह सभी कार्रवाइयां परमबीर सिंह के पत्र के आधार पर की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कुछ और नहीं, राज्य सरकार की और अनिल देशमुख की छवि खराब करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग है। हमें न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास है और हम जानते हैं कि जांच के जरिये राजनीतिक षड्यंत्र पर से पर्दा उठ जाएगा।
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