Friday, 23 April 2021

पैगंबर के अपमान पर पाकिस्तान में हिंसा

फ्रांस ने पाकिस्तान से अपने 15 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशन को लेकर हुई हिंसा के बाद फ्रांस ने यह फैसला किया है। पाकिस्तान में बीते दिनों से हिंसक झड़पें जारी हैं, जिनमें एक प्रतिबंधित संगठन भी शामिल है। इन लोगों की मांग है कि फ्रांस के राजनयिकों को पाकिस्तान से बाहर किया जाना चाहिए। इन मांगों और हिंसा के बीच फ्रांस ने अपने राजनयिकों को इस्लामिक देश से वापस बुला लिया है। पाकिस्तान ने इस हिंसा में शामिल संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पर एंटी टेरेरिज्म एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए बैन लगा दिया है। इस हिंसा में दो पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। लगातार तीन दिनों तक हिंसक प्रदर्शन किए जाने के बाद पाक सरकार ने इस संगठन पर बैन लगा दिया। पाकिस्तान में हिंसा के चलते अब तक 15 राजनयिक देश छोड़ चुके हैं या फिर निकलने की तैयारी में हैं। फ्रांसीसी अखबार लेफिगाटो की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। फ्रांसीसी दूतावास ने अपने नागरिकों को लिखा था। पाकिस्तान में फ्रांसीसी हितों के सामने गंभीर खतरा है। ऐसी स्थिति में हमारी सलाह है कि फ्रांस के नागरिक और कंपनियां अस्थायी तौर पर देश से निकल जाएं। अब फ्रांस की ओर से राजनयिकों को वापस बुलाए जाने से साफ है कि यूरोपीय देश और पाकिस्तान के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। फ्रांस की एमैनुअल मेक्रों की सरकार की ओर से व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो में प्रकाशित पैगंबर के कार्टून का बयान किया गया था। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार देखने को मिल रही है। राष्ट्रपति मैक्रों के बयान का पाकिस्तान में तीखा विरोध किया था। इमरान खान ने भी शार्ली हेब्दो की निन्दा की।

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