Tuesday, 6 April 2021

गृहमंत्री के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं कराई?

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने परमबीर सिंह के वकील से कहा कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाती तब तक जांच के आदेश नहीं दिए जाएंगे। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने परमबीर के वकील से कहा कि आप ऐसा कोई मामला बताएं जिसमें बिना एफआईआर दर्ज किए मामले को सीबीआई जांच के लिए ट्रांसफर कर दिया गया हो? माननीय जजों ने कहा कि इस मामले में आपने गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई। बिना रिपोर्ट उसकी सीबीआई जांच कैसे कराई जा सकती है? परमबीर सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने सुनवाई की। सिंह की ओर से वरिष्ठ वकील विक्रम ननकारी ने कोर्ट में परमबीर सिंह का लिखा पत्र पढ़कर सुनाया और कहा कि इस पत्र से पता चलता है कि पुलिस किस दबाव में काम कर रही है और कितना राजनीतिक हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि यह बातें एक अनुभवी अफसर ने रखी हैं। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहाöआप कह रहे हैं कि देशमुख के खिलाफ जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए। लेकिन एफआईआर कहां हैं, कोई भी जांच बिना एफआईआर के सीबीआई को नहीं सौंपी जा सकती। बता दें कि परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक खत लिखकर अनिल देशमुख (गृहमंत्री) पर आरोप लगाया था कि उन्होंने निलंबित पुलिस अधिकारी को 100 करोड़ रुपए महीने की वसूली करने का टारगेट दिया था। इस पत्र को आधार बनाते हुए ही परमबीर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन शीर्ष अदालत ने सुनवाई से ही इंकार कर दिया था और कहा था कि आप पहले बॉम्बे हाई कोर्ट जाएं। सुनवाई के दौरान परमबीर सिंह के वकील विक्रम ननवानी ने कहा कि एक ऐसे शख्स पर यह आरोप लगाए हैं, जो बीते 30 सालों से पुलिस सर्विस में हैं। इस पर चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा कि भले ही आप पुलिस कमिश्नर रहे हैं, लेकिन आप कानून से ऊपर नहीं हैं। क्या पुलिस अधिकारी, मंत्री और नेता कानून से ऊपर हैं? खुद को बहुत ऊपर मत समझिए। जब आपको पता था कि बॉस अपराध कर रहा है तो एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? आप फेल हुए हैं। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहाöकिसी भी मामले की जांच के लिए जरूरी है कि एफआईआर दर्ज हो। आपको इससे किसने रोका था? प्रथम दृष्ट्या हम यह मानते हैं कि एफआईआर के बिना किसी तरह की जांच नहीं हो सकती। मुंबई हाई कोर्ट ने पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

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