Thursday, 3 March 2022

यूकेन युद्ध का फायदा न उठा सकें चीन-पाक

पूर्व विदेश सचिव शशांक ने कहा कि रूस-यूकेन के बीच युद्ध से दुनिया का ध्यान रूस पर है। इस संकट से निपटने के लिए संयम और समझदारी भरे रुख की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को तटस्थ तरीके से संकट से निपटने के लिए कूटनीतिक भूमिका निभानी चाहिए। इस स्थिति का फायदा हमारी सीमाओं पर उठाने का पयास कहीं न किया जाए? उन्होंने कहा चीन और पाकिस्तान के रवैए पर नजर रखते हुए अपनी कूटनीतिक तय करनी होगी। चीन कोई मुगालता नहीं पाले, यह भी देखना होगा। यह अच्छा है कि यूकेन ने हमसे कूटनीतिक मदद मांगी है। यह एक तरह का संकेत है कि यूकेन नाटो के साथ शायद न जाए। भारत के रिश्ते रूस से अच्छे हैं। हमें देखना होगा कि किस तरह से इन रिश्तों का इस्तेमाल शांति स्थापना के लिए किया जा सकता है। जब दुनिया के कई बड़े देश लड़ने की कोशिश नहीं कर रहे तो हमसे उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि हम किसी भी तरफ से युद्ध करेंगे। हमारी भूमिका शांति के लिए होनी चाहिए और सरकार इसी दिशा में चल रही है। यूकेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा भी है। भारत मजबूत लोकतंत्र है। ऐसे में हमें संकट के वक्त मित्र देशों की भूमिका के साथ हितों से तालमेल रखते हुए कूटनीतिक कदम आगे बढ़ाने होंगे। पहले चीन और पाकिस्तान की गतिविधियों पर खास ध्यान देना होगा। -अनिल नरेन्द्र

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