Wednesday, 2 March 2022
नवाब मलिक के खिलाफ आरोप सही लग रहे हैं
धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) से संबद्ध मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ लगे आरोप सही प्रतीत हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्यमंत्री नवाब मलिक को धनशोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार किया था। पीएमएलए से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने कहा कि अपराध की जांच के लिए ईडी को पर्याप्त समय देने की आवश्यकता है। मलिक को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना आवश्यक है। अदालत ने बुधवार को एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को तीन मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था। अदालत के आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध होने के बाद यह जानकारी सामने आई। ईडी का कहना है कि यह जांच भगौड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगियों और मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से जुड़ी धनशोधन की जांच से संबंधित है। अदालत ने कहाöरिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी ने महत्वपूर्ण पहलुओं पर जांच में सहयोग नहीं किया। विशेष न्यायाधीश रोकड़े ने कहाöप्रथम दृष्ट्या यह मानने के लिए उचित आधार है कि आरोप पीएमएलए के तहत सही हैं। अदालत ने माना कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और मलिक को हिरासत में लेकर पूछताछ करना अपराध में शामिल सभी लोगों का पता लगाने के लिए आवश्यक है। न्यायाधीश ने कहाöअपराध संबंधी यह गतिविधियां पिछले 20 वर्षों या उससे भी अधिक समय से चली आ रही हैं, इसलिए अपराध की जांच के लिए पर्याप्त समय दिए जाने की आवश्यकता है। उधर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को बर्खास्त करने की भाजपा की मांग का शिवसेना नेता संजय राऊत ने शुक्रवार को जवाब दिया। उन्होंने कहाöमंत्रिमंडल के किसी भी सहयोगी का इस्तीफा स्वीकार करना या अस्वीकार करना मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का विशेषाधिकार है। मालूम हो कि ईडी द्वारा बुधवार को गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा मलिक को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रही है। वहीं मलिक को चिकित्सा कारणों से यहां के सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मलिक के कार्यालय ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी।
-अनिल नरेन्द्र
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