Thursday, 31 March 2022
नीतीश पर हमला ः सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में रविवार को एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है। उनके पैतृक शहर पटना जिले के बख्तियारपुर में एक विक्षिप्त युवक ने पीछे से उन पर हमले का प्रयास किया। शाम पांच बजे के करीब यह घटना उस समय हुई, जब मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता सेनानी पंडित शीलभद्र माजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे थे। मुख्यमंत्री इन दिनों अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र बाढ़ में विभिन्न जगहों पर पुराने लोगों से मिल रहे हैं। इसी कड़ी में वह बख्तियारपुर पहुंचे थे। इस पूरे कार्यक्रम से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। घटना के संबंध में बताया गया कि मुख्यमंत्री बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट के समीप अपने समर्थकों से मिलने के बाद एनएच पर स्थित अपने घर चले गए। घर पर कुछ समय रहने के बाद वह बख्तियारपुर बाजार की ओर निकले। वहां स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्वतंत्रता सेनानी पंडित शीलभद्र माजी की प्रतिमा लगी है। तय कार्यक्रम के तहत उन्हें प्रतिमा पर माल्यार्पण करना था। मुख्यमंत्री अपने सुरक्षा कर्मियों और अधिकारियों के साथ परिसर में पहुंचे तो गेट को बंद कर दिया गया। कुछ फोटोग्राफरों के साथ हमलावर युवक परिसर में प्रवेश कर गया मुख्यमंत्री जब प्रतिमा के चबूतरे पर चढ़ने लगे तो युवक तेज गति से बढ़कर उनके समीप पहुंच गया और मुख्यमंत्री की पीठ की ओर हमले का जबरदस्त प्रयास किया। मुख्यमंत्री भौचक्के रह गए। सुरक्षा कर्मियों ने तुरन्त हमलावर युवक को अपने कब्जे में कर लिया और चबूतरे से हटा दिया। मुख्यमंत्री माल्यार्पण के कार्यक्रम के बाद वहां से निकल गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ऊपर हमला करने का प्रयास करने वाले युवक पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिस युवक ने यह कोशिश की वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है। अधिकारी उसकी समस्या को सुलझाने में मदद करें। एडीजी जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जिस आदमी ने हरकत की है, उसे सुरक्षा कर्मियों ने तुरन्त हिरासत में ले लिया है। प्रथम दृष्ट्या युवक विक्षुब्ध प्रतीत हो रहा है। जिस तरह यह युवक मुख्यमंत्री तक पहुंचकर उन पर हमला करने में कामयाब हो गया, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुरक्षा में इस चूक का नतीजा क्या हो सकता था। आखिर वहां विशेष रूप से मुख्यमंत्री के लिए ही तैनात सुरक्षा कर्मियों के होते हुए वह युवक इतनी आसानी से नीतीश कुमार तक कैसे पहुंच गया? गौरतलब है कि नीतीश कुमार की सुरक्षा में संबंधित एजेंसियों की यह लापरवाही तब सामने आई है, जब उन्हें निशाना बनाकर हमले की कोशिश इससे पहले भी की गई थी। कायदे से मुख्यमंत्री के स्तर की शख्सियत की सुरक्षा-व्यवस्था हर वक्त चाक-चौबंद होनी चाहिए, ताकि किसी भी आपराधिक मानसिकता वाले व्यक्ति को कोई आवंछित हरकत करने के बारे में सोचने तक का मौका नहीं मिले। लेकिन अकसर ऐसा देखा जाता है कि आशंकाओं के बावजूद कई बार सुरक्षा के लिए तैनात लोग आसपास के माहौल की सहज देखकर सब कुछ सुरक्षित होने के प्रति आश्वस्त हो जाते हैं। जबकि कोई हमलावर ऐसे माहौल को ताक में हो सकता है जब सुरक्षा कर्मी अपनी ड्यूटी को लेकर थोड़े लापरवाह हो जाएं। यह देखने की जरूरत है कि नीतीश पर हमले की यह कोशिश समूचे खुफिया और सुरक्षा तंत्र की लापरवाही और चूक का नतीजा है।
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