Saturday, 26 March 2022

2024 में मोदी के सामने कौन ममता या केजरीवाल?

पांच राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद से राष्ट्रीय राजनीति में भी यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि मोदी के मुकाबले कौन? इन चुनावों में खराब प्रदर्शन का असर जहां कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर पड़ना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव की सियासी लड़ाई में भी इसके साइड इफैक्ट अभी से दिखने शुरू हो गए हैं। विपक्ष के अंदर इस बात को लेकर मंथन शुरू हो गया है कि लोकसभा के समर में कांग्रेस की अगुवाई में नहीं जाया जा सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि केंद्र की राजनीति में मोदी के मुकाबले में विपक्ष का कौन नेता दमखम ठोक सकता है। पिछले दिनों तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन पंजाब में ऐतिहासिक प्रदर्शन करने के बाद से आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविन्द केजरीवाल के नाम पर विपक्ष के दिग्गज गंभीरता से मंथन करने लगे हैं। दोनों ही सीधे मुकाबले में भाजपा का सामना कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में जहां ममता ने मोदी-शाह का पूरी ताकत झोंकने के बाद अपने विजय रथ को जारी रखा, तो वहीं दिल्ली में लगातार दो बार सीधे मुकाबले में अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा को मात दी। अब पंजाब में उन्होंने जिस तरह से कांग्रेस के सत्ता के वापसी के अरमानों पर पानी फेर दिया है, उसके बाद राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ा है। दोनों ही संघर्ष का गजब का माद्दा ही उन्हें विपक्ष का अगुआ बनने के काबिल बनाता हैं। राजनीतिक पंडितों की नजर में भी मोदी-शाह को रोक पाने का दम उसी में हो सकता है, जो जनता के बीच उतर कर चुनौती देने का दम रखता हो। माना जा रहा है कि 2024 की लड़ाई विपक्ष तीसरे मोर्चे के झंडे तले लड़ने की रणनीति बना रहा है। इसकी अगुवाई के लिए ममता और केजरीवाल का दावा मजबूत दिखाई पड़ रहा है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में अपने रुतबे को खोने की ओर अग्रसर है। राहुल अब किसी को स्वीकार नहीं हैं।

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