Tuesday 15 March 2022

आप पार्टी का राष्ट्रीय फलक पर उदय

आईआईटीयन, आयकर अधिकारी, आंदोलनकारी के बाद अब लगातार तीन बार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल राजनीतिक दंगल के बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। राजनीति के मौजूदा परिवेश में कई क्षेत्रीय दलों ने एक राज्य के बाहर दूसरे राज्यों में सरकार बनाने की कई कोशिशें कीं, पर सफल नहीं हुए। लेकिन बीते एक दशक की राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने 2013, 2015 फिर 2019 में दिल्ली में सरकार बनाई। अब पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ आप वर्तमान में पहला क्षेत्रीय दल है, जिसने दूसरे राज्य में सरकार बनाई है। परंपरागत राजनीति को तोड़ते हुए वह एक ऐसी क्षेत्रीय पार्टी बन गई है, जिसकी एक साथ दो राज्यों में सरकार होगी, वहीं वह भी महज गठन के 10 सालों के भीतर। मौजूदा दौर में भाजपा और कांग्रेस के बाद यह अब ऐसा तीसरा दल हो जाएगा, जिसकी एक राज्य से ज्यादा राज्यों में सरकारें होंगी। लेकिन आप की जीत के मायने इतने तक सीमित नहीं हैं बल्कि इसमें कई और संदेश भी छिपे हैं, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर महत्वपूर्ण इशारा करते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पंजाब में जीत से आप को पहला फायदा यह होगा कि राज्यसभा में इसकी ताकत बढ़ेगी। पंजाब से राज्यसभा की सात सीटें हैं, जिनमें से पांच सीटों के लिए दो चरणों में इसी महीने के आखिर में चुनाव हैं। आप की 92 सीटें हैं इसलिए वह राज्यसभा की पांचों सीट पर जीत सकती है। दिल्ली से तीन सीटें उसकी पहले से हैं इस प्रकार आठ सीटें उसकी राज्यसभा में तो तत्काल हो जाएंगी। दो सीटें पंजाब में खाली होंगी। इस प्रकार आने वाले दिनों में आप राज्यसभा में आप-भाजपा-कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक के साथ सर्वाधिक सदस्यों वाले दलों में शुमार हो सकती है। आप की विजय कांग्रेस की विफलता तो है। यह भाजपा की निरंतर विजय यात्रा के लिए भी चुनौती है। चुनाव नतीजे दर्शाते हैं कि जहां मैदान में भाजपा और कांग्रेस मुकाबले में हैं, वहां लोग भाजपा को तरजीह दे रहे हैं और कांग्रेस को नकार रहे हैं। जबकि जहां कोई क्षेत्रीय दल विकल्प के रूप में है, उसे मौका दे रहे हैं। पंजाब में भी यह हुआ। बंगाल में भी ऐसा ही दिखा। उत्तर प्रदेश में भी यदि देखें तो भले ही सरकार भाजपा बना रही हो लेकिन प्रमुख क्षेत्रीय दल सपा का प्रदर्शन पिछले चुनाव से बेहतर रहा। पंजाब में आप की सरकार बनने से आने वाले समय में सबसे ज्यादा प्रभाव हरियाणा की राजनीति पर पड़ सकता है। दिल्ली-पंजाब के बीच का यह राज्य आप का अगला निशाना हो सकता है। दिल्ली-पंजाब की राजनीति हरियाणा को प्रभावित भी करती है। पंजाब पूर्ण राज्य है, वहां सत्ता मिलने से पार्टी की अपनी ताकत बढ़ेगी। उसे अन्य छोटे राज्यों गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल आदि में भी नए सिरे से रणनीति बनाने का मौका मिलेगा। चुनाव की बात करें तो दिल्ली नगर निगम चुनाव आप के निशाने पर होगा।

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