Monday, 14 March 2022
पाबंदियों का असर रूसी नागरिकों पर
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की आंच आम आदमी महसूस करने लगा है। देश में भुगतान तंत्र (पेमेंट सिस्टम) अब काम नहीं कर रहा है और नकदी निकासी को लेकर भी लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहाöएप्पल पे कल से काम नहीं कर रहा है। इसके अलावा एक सुपर मार्केट ने भी प्रति व्यक्ति सामान खरीद की मात्रा सीमित कर दी है। एप्पल-पे ने घोषणा की है कि वह रूस में अपने आईफोन और अन्य उत्पाद बेचना बंद कर रहा है और साथ ही एप्पल-पे जैसी सुविधाओं को भी सीमित करेगा। बड़ी संख्या में विदेशी और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में कारोबार को बंद कर दिया है। कई लोगों ने बताया कि इन कदमों से उनकी दैनिक जिंदगी पर काफी असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश की मुद्रा रूबल को विदेशी मुद्रा में बदलने में मुश्किलें आ रही हैं, एटीएम के बाहर लंबी लाइनें हैं और कई बैंक के कार्ड को एटीएम नहीं स्वीकार कर रहे हैं अर्थात उनसे निकासी की सुविधा बंद है। खाने-पीने के सामान की कमी होने के अलावा दाम बेतहाशा बढ़ गए हैं। विपक्ष के नेता मूलिया गालमेविना ने फेसबुक पोस्ट में लिखाöदाम बढ़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं, पेंशन भी रुकी हुई है। दवाइयों, चिकित्सा और साजो-सामान की कमी हो रही है। हम 1990 को अब कम खराब वक्त के तौर पर याद करेंगे। लेकिन मेरा प्रश्न है कि किसलिए? देश में बड़ी संख्या में लोग युद्ध के खिलाफ हैं और रोकने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
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