Friday, 11 March 2022
नाटो युद्ध में घी डालने का काम कर रहा है
रूसी हवाई हमलों का मुकाबला करने के लिए नीदरलैंड्स यूकेन को रॉकेट लांचर दे रहा है। एस्टोनिया एंटी टैंक मिसाइल जैवलिन भेज रहा है। पोलिश व लातवियाई मिसाइल की आपूर्ति कर रहे हैं। चेक भी मशीन गन, स्नाइपर राइफल, पिस्तौल व अन्य हथियार भेज रहा है। यहां तक कि स्वीडन व फिनलैंड भी यूकेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं। जर्मनी भी स्टिंगर्स जैसे रॉकेट लांचर भेज रहा है। कुल मिलाकर 20 देश रूस के खिलाफ लड़ाई के लिए यूकेन को हथियारों की मदद कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) या यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य हैं। इस बीच नाटो ने सैन्य उपकरणों के साथ-साथ 22 हजार से ज्यादा सैनिकों को रूस व बेलारूस के सीमावर्ती सदस्य देशों में उतारा है। रूस पर यूकेन के हमले ने यूरोपीय संघ के देशों को करीब ला दिया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि पुतिन उनके लिए भी खतरा बन सकते हैं। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वोनडेर लेचन ने यूरोपीय संसद में मंगलवार को कहा था, पिछले छह दिनों में यूरोप की सुरक्षा व प्रतिरक्षा में इतना इजाफा किया गया, जितना पिछले दो दशकों में नहीं हुआ। ब्रुसेल्स, यूकेन को हथियार व धन देने के प्रयासों का यूरोपीयकरण कर रहा है। लेकिन यूरोपीय हथियार क्या यूकेन के युद्ध क्षेत्र में समय पर पहुंच पाएंगे? अभी यह निश्चित नहीं है। ऐसे में ब्रुसेल्स द्वारा किया जा रहा यह रणनीतिक प्रयास युद्ध के खतरों को विस्तार दे सकता है। यूकेन के सब-वे में लोग रूसी बमबारी से बचने के लिए शरण लिए हुए हैं। कीव के मेयर ने कहा था कि कम से कम 15 हजार लोग शहर के सब-वे में रहने को मजबूर हैं। अमेरिका ने रूसी लड़ाकू विमानों व हैलीकॉप्टरों को मार गिराने के लिए यूकेन को सैन्य सहायता के रूप में स्टिंगर मिसाइलें प्रदान की हैं। यह मिसाइलें यूकेन की वायुसेना को मजबूती प्रदान करेंगी। फिलहाल रूस ने अपनी वायुसेना को युद्ध में शामिल नहीं किया है। स्टिंगर एक पोर्टेबल मिसाइल है, जिसे कंधे पर रखकर दागा जा सकता है।
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