Saturday, 26 March 2022
पुतिन की बौखलाहट ने बढ़ा दी परमाणु हमले की संभावना
रूस और यूकेन के बीच पिछले एक महीने से जारी जंग में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आहट फिर सुनाई देने लगी है। इतने दिन बाद भी रूस की सेना को जमीनी रास्ते से आगे बढ़ने में संघर्ष करना पड़ रहा है। उसे दक्षिण यूकेन में लगातार यूकेन की सेना से जवाब मिल रहा है। युद्ध लंबा खिंचने और दुनिया में दरकिनार किए जाने से रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। उम्मीद के मुताबिक सफलता न मिलने से हताश रूस ने फिर धमकी भरे अंदाज में कहा कि जीने-मरने का सवाल हुआ तो हम परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से पीछे नहीं हटेंगे। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्वीकार किया कि रूस ने अभी तक यूकेन में किसी भी सैन्य लक्ष्य को हासिल नहीं किया है। उन्होंने परमाणु हथियारों की मदद लेने से इंकार तो किया, साथ ही कहाöयदि जीने-मरने का सवाल खड़ा हुआ तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा की हमारी एक अवधारणा है और यह सार्वजनिक है। आप देख सकते हैं कि किन हालात में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात की गई है। यूकेन पर हमले के चन्द दिन बाद ही पुतिन ने रणनीतिक तौर पर अहम हथियारों, जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं, को विशेष अलर्ट पर रखने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा थाöइससे फर्प नहीं पड़ता कि कौन हमारे देश व लोगों के लिए खतरा पैदा करता है। उसे पता होना चाहिए कि रूस तत्काल जवाब देगा और नतीजा ऐसा होगा, जो किसी ने धरती के पूरे इतिहास में कभी नहीं देखा होगा। अमेरिकी विशेषज्ञ भी जता रहे हैं कि पुतिन अब छोटे परमाणु हमले कर सकते हैं। वह परमाणु हमले की चेतावनी लगातार दे रहे हैं और उन्होंने अपनी परमाणु टुकड़ी को अलर्ट पर रखा हुआ है। रूसी सेना परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर हमले कर रही है। इस मसले पर नाटो की बैठकें हो रही हैं। बैठक में इस पर भी चर्चा होगी कि अगर रूस कैमिकल, बायोलॉजिकल, साइबर या परमाणु हथियारों की तरफ जाता है, तो उसे कैसा जवाब दिया जाए? वैसे दूसरे विश्वयुद्ध के समय जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर हमला किया था, तब भी रूस के पास ज्यादा क्षमता थी। आज अमेरिका के पास परमाणु क्षमता हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 1000 गुना, तो रूस के पास 3000 गुना क्षमता के एटम बम हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि यह बेतुका युद्ध अजय है। इसे शांति से मेज पर ही हल किया जा सकता है। इस संघर्ष से भूख और वैश्विक संकट की प्रतिध्वनि सुनाई दे रही है। एक करोड़ यूकेनी लोग अपने घरों से पलायन को मजबूत हो गए हैं।
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