प्रकाशित: 31 जुलाई 2013
श्री नरेन्द्र मोदी के सेंटर स्टेज पर आने से माहौल तो पता नहीं कितना बदला है पर नेताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं में नया जोश जरूर आ गया है। हालांकि अभी भी मेरी राय में भाजपा कांग्रेस की नेचुरल विकल्प नहीं बन पाई पर पहले से भाजपा की स्थिति बेहतर जरूर हुई है। तभी तो भाजपा के शीर्ष नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों के नतीजे चौंकाने वाले रहेंगे। इनमें पार्टी को भारी विजय मिलेगी। अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को सम्बोधित करते हुए आडवाणी ने कहा कि जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं उससे लगता है कि 2014 के आम चुनाव समय से पहले हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी अनुमान पार्टी के पक्ष में हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि भाजपा रिकॉर्ड जीत दर्ज कर सत्ता में आएगी। कुछ अखबारों में प्रकाशित जनमत सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर यह सर्वेक्षण भाजपा के खिलाफ पूर्वग्रह से ग्रस्त होते हैं। लेकिन इस बार इन सर्वेक्षणों में भी बताया गया है कि भाजपा चुनाव जीतेगी। समय पूर्व चुनाव का अनुमान जताते हुए आडवाणी ने कहा कि लोकसभा चुनाव और इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव अप्रैल 2014 तक पूरे हो जाएंगे। हमने इतने कम समय में इतने सारे चुनाव छह राज्यों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव का अनुभव नहीं किया है। चाहे या न चाहे, मौसम और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग भी समय पूर्व चुनाव चाहेगा। सरकार भी समय पूर्व चुनाव पसंद कर सकती है। उधर टीम मोदी ने 272 प्लस के लक्ष्य के साथ अपना काम शुरू कर दिया है। पार्टी के सारे अभियान का जोर युवाओं पर है और उनको लुभाने के लिए आईटी टीम ने मोर्चा सम्भाल लिया है। यह टीम डिजीटल मोबाइल व इंटरनेट के सहारे युवाओं को मतदान बूथ तक ले जाने की मुहिम में जुट गई है। देश के 65 फीसदी युवाओं को लक्ष्य कर बनाई जा रही चुनावी अभियान की रूपरेखा में भाजपा इस बार परम्परागत प्रचार माध्यमों से ज्यादा उपयोग सोशल मीडिया का कर रही है। इसमें आधुनिक सूचना-संचार तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं को बताया गया है कि वह अपने राज्यों में डिजीटल, मोबाइल और इंटरनेट के जरिए पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के भाषणों, क्लिपिंग, विभिन्न घटनाओं की जानकारी, कांग्रेस सरकार के घोटालों, उसके नेताओं के विवादास्पद बयानों को आम जनता खासकर युवाओं तक पहुंचाए। हर बूथ को पार्टी की टीम इसे अपने यहां प्रचारित करेगी एक और अहम बात भाजपा के लिए यह है कि लम्बे अरसे तक गुजरात को सुशासन का मॉडल बताते हुए लाल कृष्ण आडवाणी ने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोई जिक्र नहीं किया। अपने भाषण में जो भाजपा के उभरते सितारे हैं। कई भाजपा कार्यकर्ता उन्हें सर्वाधिक वोट जुटाने वाले और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखते हैं। शनिवार के अपने भाषण में संघ की भी दबे शब्दों में सराहना की पर इससे यह लगता है कि भाजपा के अन्दर मोदी को प्रधानमंत्री स्वीकार करने में सहमति नहीं बनी है। मोदी का अन्दरखाते विरोध भी जारी है। देखें आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर कोई आम सहमति बनती है या नहीं। माहौल तो कांग्रेस विरोधी है पर इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी कितना उठा सकती है असल सवाल तो यह है?