Friday, 21 January 2022

मुफ्त चीजों की घोषणा होती है, भुखमरी पर बात नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह कम्युनिटी किचन के लिए मॉडल स्कीम बनाने पर विचार करे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कई मुफ्त चीजों की घोषणा की जाती है, लेकिन कोई भी भुखमरी खत्म करने और कुपोषण दूर करने की बात नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चुनाव के समय इन सब पर टिप्पणी नहीं करना चाहता है। अदालत में दाखिल अर्जी में भुखमरी रोकने के लिए कम्युनिटी किचन पर एक नीति बनाने के लिए दिशानिर्देश देने की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन की अगुवाई वाली बैंच ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह देशभर के लिए मॉडल स्कीम पर विचार करे और राज्यों को इसके लिए अतिरिक्त अनाज मिले। कोर्ट ने दो हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी, साथ ही राज्यों से कहा है कि वह भुखमरी और कुपोषण से जुड़े आंकड़ों के बारे में हलफनामा दाखिल करें। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वह स्कीम के मामले में अपना सुझाव भी केंद्र को दें। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बैंच ने कहाöहम आज न ही स्कीम बनाने जा रहे हैं और न ही इसके लिए निर्देश जारी कर रहे हैं, लेकिन उपलब्ध डेटा पुराना है। चीफ ने कई राज्यों का हवाला देते हुए कहा है कि वह स्कीम के लिए तैयार हैं बशर्ते केंद्र फंड दे। कई राज्यों में कम्युनिटी किचन स्कीम लागू है तो कई फंड के अभाव में लागू नहीं कर पा रहे हैं। बैंच ने कहाöहम नहीं कर रहे हैं कि केंद्र सरकार फंड नहीं उपलब्ध करा रही है या जो जरूरतमंद हैं उनकी मदद नहीं कर रही है, लेकिन आपको कह रहे हैं कि आप मॉडल स्कीम बनाएं। आप क्यों नहीं मॉडल स्कीम पर सोच रहे हैं। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि कोर्ट को एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करना चाहिए।

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