Saturday 1 January 2022

कोरोना, किसान आंदोलन से पूरा वर्ष जूझते रहे

वर्ष 2021 बीत गया है। 2022 का आरंभ हो चुका है। 2021 ऐसा वर्ष था जो मेरे समेत कई लोग भुला न सकेंगे। साल कहीं खुशी लाया पर ज्यादातर गम लाया। पूरा साल कोरोना और ओमीक्रोन के डर से गुजरा। सैकड़ों परिवारों का सब कुछ उजड़ गया। दिल्लीवासी कोरोना की दूसरी लहर से तो जूझे ही ऑक्सीजन की कमी ने अनेक परिवारों को रुलाया। हालांकि टीकाकरण अभियान से कुछ राहत जरूर मिली। दिल्ली की सीमाओं पर करीब सालभर चले किसान आंदोलन ने राहगीरों और कारोबारियों को परेशान किया तो दीपावली के बाद दमघोंटू हवा ने जीना मुहाल कर दिया। हमेशा की तरह दिसम्बर आते-आते यह साल भी हमसे बिदा ले चुका है। इस पूरे साल में जहां दुनिया कोरोना के दर्द को झेलती रही वहीं भारत में भी इसने भरपूर कहर ढाया। राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो भारत के लिए इस साल की राजनीति किसान आंदोलन, कोविड से होने वाली जन-धन की हानि, पेगासस मुद्दा, देश की सीमाओं पर चीनी अतिक्रमण की खबरें, पेट्रोल-डीजल के दामों में लगी आग, खाने-पीने की चीजों की महंगाई, लाल किले की घटना और उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी कांड के इर्दगिर्द केंद्रित रही। इस पूरे साल में पांच राज्यों के चुनाव हुएöपश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहा पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव, जहां पर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने तीसरी बार भारी बहुमत से जीत हासिल की और भाजपा द्वारा उन्हें सत्ता से बेदखल करने के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। पश्चिम बंगाल के नतीजों ने जहां 2021 की राजनीति को प्रभावित किया वहीं माना जा रहा है कि यह चुनाव 2022 की राजनीति में भी देश की राजधानी पर अपना असर डालेगा। भाजपा ने असम में अपनी सत्ता बरकरार रखी, वहीं केरल में वामपंथी नीत सरकार फिर से सत्ता में आई। तमिलनडु में द्रमुक ने अन्नाद्रमुक को सत्ता से बाहर कर दिया। वर्ष 2021 में भाजपा ने अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बदल दिया। मुख्यमंत्री के इस बदलाव से कांग्रेस भी अछूती नहीं रही और पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह की जगह डॉक्टर चरणजीत सिंह चन्नी को कमान सौंप दी गई। जुलाई में दुनिया के 17 मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि पेगासस स्पाइवेयर से भारत सहित कई देशों की सरकारों ने पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए। विवाद इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई जो मामले को देखेगी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा जब तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी जिले के एक कार्यक्रम में पहुंचे तब वहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए। इस दौरान दो कारें किसानों को रौंदते हुए निकल गईं। इसके बाद मंत्री विवादों में आ गए। 14 दिसम्बर को जांच टीम ने माना कि यह दुर्घटना नहीं थी, बल्कि हत्या की साजिश थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी माना गया। ऐसा नहीं कि खुशी की खबरें नहीं आईं। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। नीरज चोपड़ा ने जैकलिन थ्रो में नया कीर्तिमान बनाया। पैरालिपिंक में भारत ने पांच गोल्ड, आठ सिल्वर और छह ब्रांज जीते। समाचार पत्रों के लिए यह साल निराशाजनक रहा। बार-बार अनुरोध करने पर भी केंद्र सरकार ने कोई राहत नहीं दी। महंगाई ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। गरीब आदमी की तो कमर टूट गई। पर्सनल लेवल पर मैंने अपनी पत्नी को खोया। उम्मीद करते हैं कि 2022 सभी के लिए 2021 से बेहतर रहेगा। 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं।

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