Wednesday, 26 January 2022

बीटिंग रिट्रीट से हटी गांधी की पसंदीदा धुन

महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन की धुन अबाइड विद मी, इस बार बीटिंग रिट्रीट में सुनाई नहीं देगी। बीटिंग रिट्रीट के लिए 24 धुनों की लिस्ट बनाई गई है, जिसमें अबाइड विद भी शामिल नहींहै। इसे महात्मा गांध की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को हने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के अवसर पर बजाया जाता है। 1950 से लगातार इस धुन को बीटिंग रिट्रीट में बजाया जाता रहा है, लेकिन 2020 में पहली बार इसे समारोह से हटाने की बात हुई थी, लेकिन विवाद के बाद इसे शामिल कर लिया गया था। यह दूसरी बार है जब धुन को बीटिंग रिट्रीट से हटाया गया है। भारतीय सेना की ओर से शनिवार को पूरे कार्यक्रम का ब्रोशर जारी किया गया। इसमें इस धुन का जिक्र नहीं है। दुनियाभर में मशहूर अबाइड विद मी भजन को स्कॉटिश कवि हेनरी फ्रांसीस लाइट ने 1847 में लिखा था। इसकी धुन वर्ल्ड वॉर में बेहद लोकप्रिय हुई। बेल्जियम से फरार हुए ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाली ब्रिटिश नर्स हडिथ कैरेल ने जर्मन सैनिकों के हाथों मरने से पहले इस गीत को गाया था। भारत में इस धुन को प्रसिद्धि तब मिली जब महात्मा गांधी ने इसे हर जगह बजवाया। उन्होंने इस धुन को सबसे पहले साबरमती आश्रम में सुना था। वहां मैसूर पैलेस बैंड इसे प्ले कर रहा था। इसके बाद से यह आश्रम की भजनावली में वष्णव जनतौर रघुपति राघव राजाराम और लीड काइंडली लाइट के साथ शामिल हो गया। अमर जवान ज्योति के किस्से के बाद यह धुन को हटाना विवादास्पद फैसला है मोदी सरकार का। लगता है कि पुरानी परंपराओं, स्मारकों को सब हटाने का प्रयास है ताकि इतिहासको बदला जा सके।

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