Tuesday, 4 January 2022
अगर शराब पीनी है तो बिहार न आएं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शराब के खिलाफ अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि जो कोई शराब का सेवन करता है उसे बिहार आने की जरूरत नहीं है। शराबबंदी के बाद भी बिहार में दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए हैं। जीविका दीदी की मदद से शराबबंदी सहित सभी तरह के सामाजिक सुधारों से सूबे में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। मुख्यमंत्री सासाराम के फजलगंडा स्थित न्यू स्टेडियम में समाज सुधार अभियान के तहत जन-संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे जब से सेवा करने का मौका मिला है तब से मैंने बिहार के लिए हर चुनौती पर कार्य किया है। पहले लोग शराब के लिए शाम होते ही घर से बाहर निकल आते थे लेकिन आज बदलाव साफ दिखाई दे रहा है तथा आप सभी के सहयोग से बिहार समावेशी विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने महिलाओं की मांग पर ही राज्य में शराबबंदी को लागू किया है तथा 2017 व 18 में इसके खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई। जिसमें आप सभी ने हमारा भरपूर साथ दिया। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जब महिलाएं यह बताती हैं कि शराबबंदी उनके जीवन में कितना बदलाव लाई है तो मुझे अत्यंत खुशी होती है। महात्मा गांधी ने भी आजीवन शराब का विरोध किया था। वह कहा करते थे कि शराब पैसा और बुद्धि दोनों को हर लेती है तथा इससे आदमी हैवान बन जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरी दुनिया में 30 लाख से ज्यादा लोग प्रतिवर्ष शराब के सेवन से मरते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ समाज के बिना विकास का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए नशा-मुक्ति, दहेज उन्मूलन, बाल विवाह, नारी सशक्तिकरण आदि को लेकर अभियान चलाया गया है। जहां कहीं भी गलत कार्य हो वहां जीविका दीदी जुलूस निकालकर खूब नारेबाजी करें। नीतीश बाबू की बात तो सही है पर यह कहना कि बिहार में शराब आना बंद हो गई है, शायद सही नहीं है। नेपाल व भारत के दूसरे हिस्सों से शराब तस्करी बढ़ती जा रही है। कच्ची शराब से सैकड़ों लोग प्रतिवर्ष मरते हैं।0 इन रास्तों को भी सुशासन बाबू को बंद करने की जरूरत है।
-अनिल नरेन्द्र
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