Thursday, 6 January 2022

प्रधानमंत्री की नई सवारी

देश में अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा को लेकर एजेंसियां हमेशा चाक-चौबंद रहती हैं और उनके वाहन को अतिसुरक्षित बनाने के लिए नित नई कवायद करती रहती हैं। इसी क्रम में भारत के प्रधानमंत्री की सवारी के लिए दमदार और आयुद्ध मर्सिडीज मेबैख एस-650 को चुना गया है। यह कार कई खूबियों से लैस है और बख्तरबंद कार के शीशे इतने मजबूत हैं कि इन पर विस्फोट और एके 47 की गोलियों का भी असर नहीं होगा। सूत्रों ने कहा है कि प्रधानमंत्री के काफिले की कार का बदला जाना उन्नयन नहीं, बल्कि नियमित बदलाव है। उन्होंने कहा कि एसपीजी का यह नियम है कि वीवीआईपी सुरक्षा काफिले की कार हर छह साल बाद बदली जाती है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की कार आठ साल से इस्तेमाल हो रही थी और ऑडिट में इस पर आपत्ति भी की गई थी। कहा कि इससे वीवीआईपी की जान को खतरा हो सकता है। प्रधानमंत्री काफिले की नई कार की कीमत को लेकर मीडिया में कई अटकलें लग रही हैं, लेकिन मर्सिडीज मेबैख एस-650 कार की कीमत कहीं कम है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में जो 12 करोड़ की कीमत बताई जा रही है, उसकी वास्तविक कीमत इसकी एक-तिहाई से भी कम है। बता दें कि मर्सिडीज मेबैख एस-650 गाड़ी एक फ्लेसिएट मॉडल है जिसकी कीमत 12 करोड़ रुपए है। इसमें सिक्योरिटी लेवल किसी भी दूसरी कार की तुलना में सबसे ज्यादा है। मर्सिडीज-मेबैख ने पिछले साल भारत में एस-600 गार्ड को 10.5 करोड़ रुपए में लांच किया था। यहउससे भी ऊपर का मॉडल है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के काफिले के लिए लग्जरी कार खरीदने को लेकर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा कि कोरोना के दौर में यह कार खरीदना गलत है। पार्टी प्रवक्ता गौतम बल्लभ ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहाöवह खुद को फकीर कहते हैं, लेकिन वह आठ हजार करोड़ के विमान पर चढ़ते हैं और 20 करोड़ की कार पर सवारी करते हैं। भारत एक निर्धन देश है, जहां एक कार पर इतना खर्च टैक्सपेयर की गाढ़ी कमाई से खरीदना क्या सही है? -अनिल नरेन्द्र

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