Tuesday, 4 January 2022

वैष्णो देवी में नए साल की दुखद घटना

नव वर्ष के पहले ही दिन यह अत्यंत दुखद समाचार आया कि जम्मू में माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मचने के कारण 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। नए साल के आगमन पर यहां अचानक भीड़ हो गई और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से भगदड़ मच गई। कुछ चश्मदीदों ने इस त्रासदीपूर्ण घटना के लिए कुप्रबंधन को दोषी ठहराया है। इस भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई। इस भगदड़ में जा]िवत बचे कुछ लोगों ने बताया कि नए साल की वजह से अचानक बड़ी संख्या में भक्तों के आने से स्थिति कंट्रोल से बाहर चली गई। रास्ते में सोते लोग भगदड़ में कुचल गए। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि एक मामूली लड़ाई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है। एक शव को पहचानने के लिए एक शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे गाजियाबाद से आए एक तीर्थयात्री ने कहाöइस दुर्भग्यपूर्ण हादसे का कारण केवल कुप्रबंधन है। उन्हें भीड़ बढ़ने की आशंका थी, लेकिन लोगों के बेरोकटोक आने की इजाजत दी गई। एक व्यक्ति ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अगर अधिकारियों का बेहतर प्रबंधन होता तो इस घटना से बचा जा सकता था। उन्होंने कहाöइसी प्रकार की स्थिति कुछ समय पहले हुई थी, लेकिन सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ और स्थिति नियंत्रण में हो गई। भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची, क्योंकि लोग बेरोकटोक अंदर-बाहर आ-जा रहे थे और हर कोई जल्दी में था। वैष्णो देवी में हुई भगदड़ के चश्मदीद संतराम Eिसह ने बताया कि हेलीपैड और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर जाने का रास्ता एक ही तरफ से है, साथ ही दोनों तरफ जूते रखने का रैक लगा हुआ है। ऐसे में रास्ता काफी संकरा हो जाता है। कुछ लोग एक जनवरी को दर्शन करने के लिए भवन की तरफ जाने वाली सड़क पर ही सो गए थे। चूंकि वो एक दिन पहले ही पहुंच गए थे। वहां पर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी, लोग पंजों के बल चल रहे थे। मंदिर से दर्शन करके आ रहे व्यक्ति का बैलेंस बिगड़ गया और वह सड़क किनारे सो रहे व्यक्ति पर गिर गया। इससे पीछे आने वालों का भी बैलेंस बिगड़ गया और एक दूसरे पर लोग गिरने लगे। फिर भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया कि दम घुटने से लोगों की ज्यादा जानें गईं। समय रहते प्रशासन ने कदम उठाया और दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही रोक दी। जिसकी वजह से हालात पर काबू पा लिए गए, नहीं तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। सवाल यह है कि क्या माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड इसका अनुमान नहीं लगा सका कि नव वर्ष के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे? नव वर्ष पर ऐसा ही होता हैöन केवल वैष्णो देवी मंदिर में, बल्कि देश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी ऐसा होता है। आवश्यक केवल यह नहीं कि भगदड़ मचने के कारणों की गहन जांच हो (वो तो होगी ही) बल्कि यह भी है कि इससे सबक सीखे जाएं। यह सबक केवल वैष्णो देवी मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों का प्रबंध करने वालों और संबंधित प्रशासन को भी सीखने होंगे, क्योंकि अपने देश में धार्मिक स्थलों पर भगदड़ मचने से घटने वाली घटनाओं का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब यह सिलसिला थमना चाहिए।

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