Sunday, 30 January 2022
देश में है धार्मिक असहिष्णुता का माहौल
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के अमेरिका में भारत विरोधी सांसदों के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेने और भारत के राजनीतिक वातावरण पर अपनी टिप्पणी से विवादों में आ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि एक व्यक्ति का पागलपन अब देश की आलोचना की साजिश में बदल गया है। अंसारी गणतंत्र दिवस के अवसर पर अमेरिका स्थित भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल एवं कुछ अन्य भारत विरोधी संगठनों द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। उनके साथ अभिनेत्री स्वरा भास्कर और तीन अमेरिकी सांसदों जिम मैकगदनी, एंडी लेबिन और जेमी रस्किन भी मौजूद थे। अंसारी के इस बयान पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत विरोधी साजिश में बदल गया है। उन्होंने कहाöजो लोग अल्पसंख्यकों के वोट का शोषण करते थे, वह अब देश के सकारात्मक माहौल से चिंतित हैं। विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट करके कहाöहामिद अंसारी जैसे लोग संवैधानिक पदों से उतरते ही सीधे नीचे क्यों गिर जाते हैं? भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के संयोजक अमित मालवीय ने भी अपने ट्वीट में कहा कि सोनिया गांधी के प्रिय पात्र पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने ऐसे अमेरिकी सांसदों के साथ मंच साझा किया है जिनका इतिहास भारत विरोधी रुख के उदाहरणों से भरा पड़ा है। बता दें कि हामिद अंसारी ने वाशिंगटन में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के एक कार्यक्रम में कहा था कि देश में असहिष्णुता को हवा दी जा रही है और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। डिजिटल तरीके से इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने हिन्दू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता व्यक्त की। अंसारी ने आरोप लगाया कि हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करता है और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देती हैं। वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती है। असहिष्णुता को हवा देती है और देश में अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती है। बेशक वह कुछ कहने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उनका दूषित चिंतन यही बताता है कि राष्ट्र सेवा के नाम पर उनके जैसे लोग किस तरह उसे लांछित करने और समाज में जहर घोलने का काम करते हैं। भले ही अंसारी संवैधानिक पदों पर रहे हों, लेकिन उनकी रुग्ण मानसिकता को इससे समझा जा सकता है कि वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक चरमपंथी संगठन के कार्यक्रम में भी जा चुके हैं। इस संगठन पर दिल्ली समेत देश के दूसरे हिस्सों में दंगे कराने के आरोप भी लगते रहे हैं और समय-समय पर इस पर पाबंदी की मांग उठती रही है।
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