Wednesday, 5 January 2022

माइनस 22 डिग्री में नहीं रुकती है जिंदगी

पूरा देश 3-4 डिग्री ठंड से कंपकंपाने लगा है और लोग सोच रहे हैं कि यह दौर कब खत्म होगा। इससे अलग लद्दाख के द्रास में लोग माइनस 40-50 डिग्री तापमान से निपटने की तैयारी कर चुके हैं। इन दिनों यहां तापमान माइनस 22 डिग्री तक गिर गया है, पर इतनी सर्दी से जिंदगी पलभर के लिए भी नहीं रुकती। दरअसल इसके लिए बचपन से ही तैयारी की जाती है। चार साल की उम्र में ही बच्चों को घर से बाहर खेलने के लिए भेजा जाता है। सर्दियों के दौरान आंगनों में अकसर पांच से 10 फुट बर्फ होती है। वह इस पर चढ़ते और फिसलते हैं यानि वह तो अपना पहला कदम बर्फ पर ही रखते हैं। इग्लू, स्नोमैन और अन्य स्कल्पचर बनाकर बर्फ में ही खेलते हैं। खेल में ही जिंदगी को रफ्तार देते रहते हैं। स्थानीय निवासी जहूर अहमद बताते हैं कि आइस हॉकी, स्नो स्कीइंग जैसे खेल हमें स्वस्थ और व्यस्त रखते हैं। सर्दी में ताजी सब्जियां और अन्य खाने की चीजें नहीं मिलतीं, तो हम दालों व खड़े अनाज से ही काम चलाते हैं। स्टोर करके रखी गई सब्जियां, मछली व मीट बगैराह तो बर्फ में इस कदर जम जाते हैं कि उन्हें चाकू की बजाय कुल्हाड़ी से काटना पड़ता है। लोग अक्तूबर से ही चावल, सब्जियां, दालें आदि सामान जमा करना शुरू कर देते हैं। फेरन (ओवरकोट जैसी पोशाक) पहनते हैं। खुद को गर्म रखने के लिए कांगड़ी का भी इस्तेमाल करते हैं और यहां हम 4-5 डिग्री में ही कांप जाते हैं। -अनिल नरेन्द्र

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