Tuesday, 25 January 2022

अमर जवान ज्योति ः विपक्ष और मोदी सरकार आमने-सामने

नई दिल्ली के इंडिया गेट पर शहीदों पे सम्मान में पांच दशक से प्रज्ज्वलित अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक स्थित अमर चक्र की ज्योति में विलय कर दिया गया है। शुक्रवार दोपहर समारोहपूर्वक सैन्य सम्मान के साथ यह प्रक्रिया पूरी हो गई। एयर मार्शल बलभद्र राधाकृष्ण ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पहले ज्योति पर माल्यार्पण किया। इसके बाद चारों लौ से मशाल जलाई और उसे करीब 300 मीटर की दूरी पर समर स्मारक ले जाया गया, जहां एयर मार्शल ने मशाल की ज्योति को युद्ध स्मारक के अमर चक्र की लौ में विलीन कर दिया। 26 जनवरी 1972 को प्रज्ज्वलित हुई थी अमर जवान ज्योति। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के शहीदों की याद में इंडिया गेट पर 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमर जवान ज्योति जलाई थी। अमर जवान ज्योति कांग्रेस की आपत्ति-प्रधानमंत्री की इस घोषणा से पहले विपक्ष और मोदी सरकार के बीच इंडिया गेट पर 70 के दशक से जल रही अमर जवान ज्योति को लेकर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। शुक्रवार को ऐसी खबरें आईं कि केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति की लौ को पास ही स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति के साथ मिलाने का फैसला किया है। इस खबर ने देखते-देखते सियासी रंग ले लिया, क्योंकि अमर जवान ज्योति की स्थापना कांग्रेस सरकार के समय हुई थी जबकि राष्ट्रीय समर स्मारक का निर्माण मोदी सरकार ने किया। कांग्रेस ने इसे लेकर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला और इसे भाजपा की एक साजिश करार दिया। पार्टी ने एक ट्वीट कर लिखाöअमर जवान ज्योति को बुझाना, उन वीरों के साहस और बलिदान का अपमान है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे। वीरता के इतिहास को मिटाने की भाजपाई साजिश को कोई देशभक्त बर्दाश्त नहीं करेगा। शहीदों के अपमान को मोदी सरकार का यह रवैया बहुत घृणित है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर इसकी आलोचना की और साथ ही कहा कि इसे दोबारा जलाया जाएगा। राहुल ने ट्वीट में लिखाöबहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर जवान ज्योति जलती थी, उसे बुझा दिया... हम इसे एक बार फिर जलाएंगे। वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अमर जवान ज्योति को बुझाना इतिहास को मिटाने जैसा है। अमर जवान ज्योति उन 3483 बहादुर सैनिकों का सम्मान करती है जिन्होंने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटकर बंटवारे के बाद दक्षिण एशिया का नक्शा फिर से बनाया। यह विडंबना है कि बांग्लादेश की आजादी के 50वें वर्ष में सरकार जीजान से स्वाधीनता के बाद भारतीय इतिहास के इस शानदार दौर को मिटाने में जुटी है। अमर जवान ज्योति हमारी राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा है। एक अरब लोग इसे पूजते हुए बड़े हुए हैं। कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहाöमैं मानता हूं कि हिन्दुस्तान के गौरवशाली इतिहास में आपका कोई योगदान नहीं रहा, इसका मतलब यह तो नहीं कि 50 वर्ष से जल रही लौ को बुझा दो। आगे कहा कि ऐसी सलाह आपको कौन देता है? आप कौन-सी परंपरा छोड़कर जा रहे हैं? इतिहास कैसे आपका स्मरण करेगा? कांग्रेस का मानना है चूंकि अमर जवान ज्योति उनके समय में बनी उसे मिटाने का प्रयास मोदी सरकार कर रही है। वहीं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर सफाई दी कि अमर जवान ज्योति को लेकर बहुत सारी गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं। अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है। उसे राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति से मिलाया जा रहा है। राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 25 फरवरी 2019 को किया था जो स्मारक इंडिया गेट से लगभग 400 मीटर दूर है और दोनों ही स्थान इंडिया गेट परिसर में आते हैं। इंडिया गेट 1931 में उन भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था, जो ब्रिटिश शासनकाल की सेना के साथ जंग लड़ते हुए मारे गए थे।

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