Saturday, 1 January 2022

विधानसभा चुनाव नहीं टाले जाएंगे?

कोरोना वायरस के तीन गुना अधिक संक्रामक स्वरूप ओमीक्रोन की चुनौती व आशंकाओं के बीच उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के अगले साल शुरू में होने वाले चुनाव संभवत टाले नहीं जाएंगे। हालांकि रैलियों व सभाओं पर सख्ती संभव है। चुनाव आयोग के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के आला अधिकारियों की सोमवार को हुई बैठक में चुनावी राज्यों में टीकाकरण और जांच में तेजी लाने की सलाह के संकेत से साफ है कि चुनाव समय पर ही कराए जाएंगे। अलबत्ता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है, जिसके बाद अंतिम फैसला किया जाएगा। चुनाव आयोग ने पाया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में पहली खुराक लेने वालों की संख्या राष्ट्रीय औसत से खासी कम है। जबकि उत्तराखंड व गोवा में यह करीब 100 प्रतिशत है। आयोग ने पांचों राज्यों के पात्र लोगों को दूसरी खुराक देने की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए। आयोग ने कहाöजिलावार साप्ताहिक टीका अभियान की सख्त जरूरत है। राज्यों को रोजाना प्रगति की समीक्षा करने की सलाह दी गई है। आयोग ने इन राज्यों में कोरोना जांच बढ़ाने को कहा ताकि संक्रमितों का जल्द पता लगाया जा सके और कोरोना विस्फोट की स्थिति न बने। सूत्रों के मुताबिक भूषण ने करीब एक घंटे की बैठक में आयोग को फरवरी-मार्च में होने वाले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर व गोवा के चुनाव को लेकर कोरोना व ओमीक्रोन के हालात पर जानकारी दी। विस्तृत रिपोर्ट मिलने पर आयोग चुनाव तिथियों की घोषणा से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक और बैठक कर सकता है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बीते शुक्रवार को कहा था कि राज्यों में हालात की समीक्षा के बाद वह चुनाव कराने पर फैसला लेंगे। पंजाब, गोवा और उत्तराखंड का पहले ही दौरा कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग कार्यक्रम की घोषणा से पहले प्रचार, रैलियों और सभाओं के लिए सख्त निर्देश जारी कर सकता है। जिन इलाकों में कोरोना का प्रभाव बढ़ा है, वहां अलग प्रावधान हो सकता है। -अनिल नरेन्द्र

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