Saturday, 29 January 2022
शरजील इमाम पर राजद्रोह का मामला
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह का मामला चलेगा। साल 2019 में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी. (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की अदालत ने राजद्रोह का अभियोग तय किया है। अदालत ने अभियोजन के उस बयान को तरजीह दी जिसमें उसने दावा किया कि शरजील इमाम के बयान से हिंसक दंगे हुए। अभियोजन पक्ष के मुताबिक शरजील इमाम ने 13 दिसम्बर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में और 16 दिसम्बर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए भाषणों में कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की बात कही थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अपने आदेश में कहाöमामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (राजद्रोह), धारा 153ए (दो अलग समूहों में धर्म के आधार पर विद्वेष को बढ़ाना देना), धारा 153बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ अभियोजन), धारा 505) सार्वजनिक अशांति के लिए बयान), गैर-कानूनी गतिविधि (निषेद्य) अधिनियम (यूपीए) की धारा 13 (गैर-कानूनी गतिविधि के लिए सजा के तहत आरोप तय किए जाते हैं। जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में मौजूद इमाम ने अपने बचाव में अदालत से कहा था कि वह आतंकवादी नहीं हैं, विरोध-प्रदर्शन करना लोकतंत्र का हिस्सा है।
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