Friday, 21 January 2022
कोरोना काल में डेढ़ लाख बच्चे अनाथ हुए
कोरोना काल में करीब डेढ़ लाख बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छिन गया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी है। आयोग ने बताया कि एक अप्रैल 2020 से अब तक कुल 1,47,492 बच्चों ने कोविड-19 के और अन्य कारणों से अपनी माता या पिता में से एक या दोनों को खो दिया है। सुप्रीम कोर्ट महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और सुरक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहा है। आयोग ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जो आंकड़े बाल-स्वराज पोर्टल-कोविड केयर पर अपलोड किए हैं, उसके मुताबिक 11 जनवरी 2022 तक इतने बच्चों ने अपने अभिभावकों को गंवा दिया। अधिवक्ता स्वरूपमा चतुर्वेदी के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया है कि इनमें 10,094 बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हैं क्योंकि उनके माता-पिता में से कोई नहीं बचा। माता या पिता खोने वाले बच्चों की संख्या 1,36,910 रही। कुल 488 बच्चे ऐसे मिले हैं जिन्हें लोगों ने बेसहारा छोड़ दिया है। हलफनामे के मुताबिक 26 हजार बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र महज चार से सात वर्ष के बीच है। 59 हजार बच्चों की उम्र आठ से 13 साल जबकि 23 हजार बच्चों की आयु 16 से 18 साल है। आयोग ने बताया कि 1,25,205 बच्चे माता या पिता में से किसी एक के साथ हैं, 11,272 बच्चे परिवार के सदस्यों के साथ और 8450 बच्चे अभिभावकों के साथ हैं। हलफनामे में बताया गया कि 1529 बालगृहों में रह रहे हैं। ऐसे बच्चों की सबसे ज्यादा संख्या ओडिशा में है, यहां 24,405 बच्चे अभिभावक खो चुके हैं। इसके बाद महाराष्ट्र (19,623), गुजरात (14,770), तमिलनाडु (11,014) और यूपी (9247) का स्थान है।
-अनिल नरेन्द्र
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