Sunday, 13 February 2022
बेरोजगारी से 9000, दिवालिया होने से 16 हजार ने की खुदकुशी
केंद्र सरकार ने तीन वर्ष में आर्थिक तंगी के चलते दिवालिया होने और बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा बुधवार को संसद में पेश किया गया। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि वर्ष 2018 से 2020 के बीच बेरोजगारी की वजह से 9140 लोगों ने जान दी है। केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद रॉय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से बताया कि 2018 से 2020 के बीच दिवालिया होने और कर्ज के दबाव के कारण 16 हजार लोगों ने आत्महत्या की। मंत्री ने यह जानकारी राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह, छाया वर्मा और निशाद के सवालों के जवाब में दी। सरकार ने बताया कि मानसिक दबाव कम करने के लिए देशभर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। रोजगार सृजन के लिए भी कार्यक्रम चलाए गए हैं। रॉय ने कहा कि यह आंकड़े एनएसआरवी से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कर्ज में डूबे लोगों की खुदकुशी का ट्रेड हालांकि एक जैसा नहीं था। मौजूदा संसद सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों ने कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि बेरोजगारी संकट से जूझ रहे लोगों के लिए बजट में राहत प्रभावी होनी चाहिए और इससे निपटने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया जाना चाहिए।
-अनिल नरेन्द्र
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