Wednesday 2 February 2022

फ्री गिफ्ट के वादों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

चुनाव के दौरान फ्री में बिजली-पानी या अन्य सुविधाएं देने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें मांग की गई है कि मुफ्तखोरी के वादे करने वाले राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द किया जाए और चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस याचिका पर केंद्र व भारत निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि निस्संदेह यह गंभीर मसला है। इससे मतदाता और चुनाव दोनों प्रभावित होते हैं। लेकिन कोर्ट ऐसे मामलों में क्या कर सकता है? मुफ्त योजनाओं की वजह नियमित बजट से आगे निकल रहा है। हालांकि फिर भी यह भ्रष्ट आचरण नहीं है, लेकिन चुनावों की निष्पक्षता को जरूर प्रभावित करता है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। कहाöचुनाव से पहले वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दल उपहार बांटने, बिजली-पानी फ्री देने और कई अन्य गैर-वाजिब वादे कर रहे हैं। बतौर उदाहरण पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 18 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया है। शिरोमणि अकाली दल ने हर महिला को दो हजार रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया है। कांग्रेस ने हर महिला को दो हजार रुपए प्रतिमाह, 10वीं पास करने पर 15 हजार रुपए और 12वीं पास पर 20 हजार रुपए व स्कूटी देने का वादा किया है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मतदाताओं से अनुचित राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस प्रकार के लोकलुभावन कदम उठाने पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए, क्योंकि यह संविधान का उल्लंघन है और निर्वाचन आयोग को इसके खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए। पीठ ने उपाध्याय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह के इस कथन पर गौर किया कि इसके लिए एक कानून बनाने और चुनाव चिन्ह जब्त करने या राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने या दोनों पर ही विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि अंतत इसके लिए भुगतान नागरिकों को करना है। पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा कि देखते हैं। फिलहाल हम नोटिस जारी करेंगे। सरकार और निर्वाचन आयोग को जवाब देने दीजिए। पीठ ने कहा कि राजनीतिक दलों को याचिका के पक्षकारों के रूप में बाद में शामिल किया जा सकता है।

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