Thursday 10 February 2022
जब बीसीसीआई को संकट से निकाला लता ने
कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने जब लॉर्ड्स की बालकनी पर विश्व कप थामा था तब बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष और इंदिरा गांधी सरकार के धाकड़ मंत्री दिवंगत एनकेपी साल्वे के सामने यक्ष प्रश्न था कि इस शानदार ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए धन कहां से आएगा? उस समय भारतीय क्रिकेट दुनिया की महाशक्ति नहीं बना था और आज के क्रिकेटरों की तरह धन-वर्षा भी उस समय के क्रिकेटरों पर नहीं होती थी। आज बीसीसीआई के पास पांच अरब डॉलर का टीवी प्रसारण करार है लेकिन तब खिलाड़ियों को बामुश्किल 20 पाउंड दैनिक भत्ता मिलता था। साल्वे ने समाधान के लिए राज सिंह डूंगरपुर से सम्पर्प किया। उन्होंने अपने करीबी दोस्त और क्रिकेट की दीवानी लता मंगेशकर से जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एक कन्सर्ट करने का अनुरोध किया। खचाखच भरे स्टेडियम में दो घंटे का कार्यक्रम किया। बीसीसीआई ने उस कन्सर्ट से काफी पैसा एकत्र किया और सभी खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपए दिए गए। सुनील वाल्सन ने कहा कि उस समय यह बड़ी रकम थी। वरना हमें दौरे से मिलने वाला पैसा और दैनिक भत्ता बचाकर पैसा जुटाना होता जो 60 हजार रुपए होता। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमसे पांच हजार या 10 हजार रुपए देने का वादा किया जो काफी अपमानजनक था। लता जी ने ऐसे समय में यादगार कन्सर्ट किया। बीसीसीआई उनके इस योगदान को नहीं भूला और सम्मान के तौर पर भारत के हर स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मैच के वीवीआई पास उनके लिए रखे जाते थे। मुंबई के एक वरिष्ठ खेल पत्रकार मकरंद वैंगणकर ने कहा कि लता जी और उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ब्रेबोर्न स्टेडियम पर हमेशा टेस्ट मैच देखने आते थे। चाहे वह कितनी भी व्यस्त हों, 70 के दशक में हर मैच देखने आती थीं।
-अनिल नरेन्द्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment