Tuesday 22 February 2022
केजरीवाल पर लगे आरोपों की जांच होगी
पंजाब में मतदान से महज दो दिन पहले अलगाववाद पर सियासी पारा चरम पर पहुंच गया। आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर उनके पुराने सहकर्मी कुमार विश्वास के आरोपों पर शुक्रवार को विपक्ष आक्रामक हो गया। खालिस्तानी अलगाववादियों से संबंधों को लेकर केजरीवाल के खिलाफ कुमार विश्वास के दावों की गृह मंत्रालय जांच कराएगा। शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पत्र लिखकर जानकारी दी और मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है। इससे पहले चन्नी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की थी। शाह ने चन्नी को लिखा कि आम आदमी पार्टी और प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस के बीच कथित संबंधों की जांच कराई जाएगी। शाह ने उन्हें भरोसा दिया कि भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और वह व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि मामले को विस्तार से देखा जाए। कुमार विश्वास की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर खालिस्तानी समर्थकों का साथ देने का आरोप लगाए जाने के बाद पंजाब की सियासत गरमा गई। विश्वास ने एक साक्षात्कार में यह आरोप लगाए। उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एक बार मुझसे कहा था कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री या खालिस्तान का प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। इस आरोप को लेकर शाह ने अपने पत्र में कहा है कि किसी को भी देश की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ नहीं करने दी जाएगी। शाह ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि सत्ता में आने के लिए कुछ लोग अलगाववादियों से हाथ मिलाने और पंजाब तथा देश को तोड़ने की हद तक चले जाते हैं। चन्नी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में यह दावा किया था कि उन्हें सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का एक पत्र मिला है जो दर्शाता है कि समूह लगातार आम आदमी पार्टी (आप) के सम्पर्प में है। एसएफजे के पत्र में यह जिक्र किया गया है कि उसने 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था और इसी तरह इस चुनाव में भी समर्थन करेगा। उन्होंने दावा किया कि एसएफजे ने मतदाताओं को आम आदमी पार्टी (आप) को वोट देने की अपील की है। चन्नी ने अपने पत्र में कहा कि राजनीति के अलावा पंजाब के लोगों ने अलगाववाद से लड़ते हुए भारी कीमत चुकाई है। माननीय प्रधानमंत्री को हर पंजाबी की चिंता को दूर करने की आवश्यकता है। आरोप बहुत गंभीर हैं। मामले की कड़ी जांच होनी चाहिए, साक्ष्यों पर दोष सिद्ध होना चाहिए। हवाई आरोपों से काम नहीं चलेगा।
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