Sunday, 20 February 2022

हर नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के हिजाब विवाद में दखल देने से इंकार करते हुए कहा कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने हर नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा का भरोसा देते हुए नसीहत दी, विवाद को राष्ट्रीय स्तर पर नहीं फैलाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहाöअगर किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो उचित समय पर हस्तक्षेप करेंगे। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ कर्नाटक हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आदेश पर रोक की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील से पीठ ने पूछा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर लाना उचित है? किसी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो हम उचित समय पर हस्तक्षेप करेंगे। इस पर वकील देवदत्त कॉमत ने कहाöकोर्ट ने छात्राओं को धार्मिक पहचान का खुलासा करने से रोक दिया है। इसका अर्थ संविधान के अनुच्छेद 25 को निलंबन करना है, इसके दूरगामी परिणाम होंगे। डीजे हल्ली फैडरेशन ऑफ मस्जिद मदारिस एंड वक्फ इंस्टीट्यूट ने याचिका में तर्क दियाöअंतरिम आदेश ने मुस्लिम व गैर-मुस्लिम छात्राओं में अंतर करके सीधे धर्मनिरपेक्षता पर प्रहार किया है। यह संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है। चीफ जस्टिस ने वादियों के वकील से कहाöहम जानते हैं कि क्या हो रहा है। सभी नागरिकों के संविधानिक अधिकारों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।

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