Saturday 26 February 2022

महाराष्ट्र सरकार के दूसरे मंत्री गिरफ्तार

मनी लांड्रिंग केस में पकड़े गए नवाब मलिक महाराष्ट्र सरकार के दूसरे मंत्री हैं, जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह दोनों ही मंत्री एनसीपी के हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, उनके गुर्गों की गतिविधियों से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को नवाब मलिक को सुबह छह बजे उनके घर से उठाया। सुबह आठ बजे से छह घंटे चली पूछताछ के बाद दोपहर करीब तीन बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया। विशेष कोर्ट ने मलिक को तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी की एक टीम सुबह मलिक के कुर्ला स्थित नूर मंजिल आवास पहुंची और उन्हें साथ ले गई। ईडी अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए। इस दौरान ईडी के वाहन में बैठे नवाब मलिक ने वहां मौजूद लोगों से कहाöहम आखिरी तक लड़ेंगे, जीतेंगे और सबको बेनकाब करेंगे। ईडी अधिकारियों ने बतायाöमनी लांड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत मलिक के बयान दर्ज किए गए हैं। वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए गिरफ्तार किया गया। मलिक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व मुंबई क्षेत्र निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ आरोपों के बाद पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में थे। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बाद मलिक एनसीपी के दूसरे बड़े नेता हैं, जिन पर शिकंजा कसा गया है। यह महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के लिए बड़ा झटका है। ईडी ने इसी महीने यूएपीए के तहत डी कंपनी के खिलाफ नया मुकदमा दर्ज किया है। ईडी विगत 15 फरवरी को मुंबई की कई जगह छापेमारी, दाऊद के कुछ गुर्गों से पूछताछ और पांच दिन पहले दाऊद के भाई इकबाल कासकर की ठाणे जेल से गिरफ्तारी इसी कड़ी के हिस्से हैं, जिनके तहत अब नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया है। उन पर दाऊद के करीबियों से बाजार दर से कम कीमत पर जमीन खरीदने का आरोप है। हालांकि एनसीपी ने बगैर पूर्व नोटिस के मंत्री की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं, कहा यह भी जा रहा है कि कुछ बड़े लोगों से जुड़े सनसनीखेज खुलासे करने, केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल हैड समीर वानखेड़े जिसने शाहरुख खान के बेटे को गिरफ्तार किया था, के खिलाफ ट्वीट करने की कीमत नवाब मलिक को चुकानी पड़ी है। बेशक उनके सामने अदालत में खुद को निर्दोष साबित करने का रास्ता खुला है, पर सच यह है कि मलिक पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और अब वह लंबी कानूनी लड़ाई में उलझ गए हैं, उन पर मंत्री पद से इस्तीफा देने का भी नैतिक दबाव है। जाहिर है कि इस घटनाक्रम से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नवम्बर 2019 को महाराष्ट्र की सत्ता में आई गठबंधन सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एनसीपी ने कहा है कि मलिक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। पार्टी नेता छग्गन भुजबल ने कहा कि केवल आरोप मात्र से इस्तीफे का सवाल नहीं उठता।

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