Thursday, 10 February 2022

चुनाव में डेरा सच्चा सौदा

दुष्कर्म और हत्या का दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा सोमवार को 21 दिन की फरलो पर जेल से रिहा कर दिया गया। वह 2017 से हरियाणा की सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है। ऐसे में मतदान से 13 दिन पहले हरियाणा सरकार ने उसे रिहा कर पंजाब की मालवा बेल्ट में नए पेंच डाल दिए हैं। पंजाब में सत्ता का रास्ता मालवा बेल्ट से होकर निकलता है। यहां राज्य की कुल 117 सीटों में से 69 सीटें हैं। इनमें से 47 सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का सीधा प्रभाव रहा है। मालवा की 25 सीटें तो ऐसी हैं जहां 15 से 20 हजार वोटर डेरे के अनुयायी हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने 10 दिन पहले ही श्रीगुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में डेरा अनुयायियों को साजिशकर्ता करार देते हुए कोर्ट में चालान पेश किया है। इसलिए डेरा अनुयायी कांग्रेस से नाराज हैं। पंजाब में राजनीति करने वाले शिरोमणि अकाली दल से डेरा पहले ही दूर हो चुका है। मालवा बेल्ट में आम आदमी पार्टी मजबूत आधार बना चुकी है और इसी बेल्ट के दम पर वह सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसलिए कांग्रेस अपने सीएम कैंडिडेट चरणजीत सिंह चन्नी को मालवा बेल्ट से चुनाव लड़ा रही है, लेकिन अब डेरा प्रमुख का जेल से बाहर आना कांग्रेस के लिए चिंता का बड़ा कारण बन चुका है। पंजाब में इस बार बहुकोणीय मुकाबला है। ऐसे में जो उम्मीदवार जीतेगा, उसकी जीत का अंतर भी कम होगा। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ऐसी स्थिति में राम रहीम अपने समर्थकों को किसी एक दल को वोट करने को कहते हैं तो इस बात का चुनाव पर सीधा असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गुरमीत को फरलो मिलने का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि तीन साल की सजा काटने के बाद कैदी का फरलो मांगना निजी अधिकार है। जेल प्रशासन ने सभी पहलुओं पर काम करके यह अनुमति दी है।

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