Tuesday, 8 February 2022

ओवैसी पर हमला

हापुड़ के छिजारसी टोल पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गोलियां चलाने की घटना ने संसद से सड़क तक सियासत को गरमा दिया है। पुलिस ने दोनों हमलावरों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। आरोपियों के खिलाफ ओवैसी के मित्र और करीबी यासीन खान ने मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी सचिन ने बताया कि वह ओवैसी की बयानबाजी से क्षुब्ध था जिसके चलते 2017 में उसने हमले की योजना बनाई। गौतमबद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुश्याई गांव का रहने वला बताया गया है। शुभम सहारनपुर के नकुड़ थाने के सापला बेगमपुर का रहने वाला है। हापुड़ पुलिस ने सहारनपुर पुलिस को उसके संबंध में जानकारी भेजी है और खोजबीन कराई जा रही है। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को बताया कि ओवैसी की कार पर फायरिंग करने वाले शुभम और सचिन नामक युवकों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से एक पिस्टल बरामद की गई है। गिरफ्तार युवकों के खिलाफ धारा 307, धारा 7 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। काफिले में शामिल अगसर ने बताया कि दो युवक कार से आए और टोल गेट पर कार खड़ी करके बूथ के पास खड़े हो गए। जब ओवैसी साहब की गाड़ी बूथ पर धीमी हुई तभी उन्होंने गोली चला दी। मैंने युवकों के हाथ में पिस्टल देखी तो अपनी गाड़ी से उन्हें टक्कर मारी। एक युवक वहीं गिर गया जबकि दूसरा भाग गया। इधर सांसद ओवैसी ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने ंऊपर हापुड़ में हुए हमले को लेकर कहा कि मुझे जैड सिक्यूरिटी नहीं चाहिए। मैं मौत से डरता नहीं हूं। हम सभी को एक दिन दुनिया से जाना है। ओवैसी को लोकसभा स्पीकर ने बोलने से रोका तो उन्होंने कहा कि मैं यहां नहीं बोलूंगा तो कहां बोलूंगा? उन्होंने कहाöहमें नफरत को मिटाना है। हरिद्वार धर्म संसद में मेरे बारे में क्या-क्या कहा गया है? मेरे ऊपर गोली चलाने वालों पर यूएपीए क्यों नहीं लगाई गई? मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए, देश का गरीब सुरक्षित होना चाहिए। यूपी की जनता गोली चलाने वालों को बुलैट का जवाब बैलेट से देगी। इस बात का यकीन है। हम इस कायराना हमले की निंदा करते हैं। सियासी मतभेद हो सकते हैं पर इसके लिए हिंसा पर उतरना स्वीकार नहीं। मामले की जांच होनी चाहिए और पूरी साजिश का पता लगना चाहिए। ओवैसी साहब से हमारे मतभेद हो सकते हैं पर ऐसे कायराना हमले को कभी स्वीकार नहीं कर सकते। -अनिल नरेन्द्र

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