Sunday, 27 February 2022

रूस के बाद अब चीन ताइवान पर हमला कर सकता है

पूर्वी यूरोप में यूकेन और रूस के बीच जंग छिड़ गई है। इससे एशिया के उत्तर-पूर्वी भाग में बसे देश ताइवान की चिंता बढ़ गई है। ताइवान को लगता है कि ऐसे में जब अमेरिका और पश्चिमी देशों का पूरा ध्यान यूकेन संकट की तरफ है, चीन इसका फायदा उठाते हुए उसके खिलाफ दुस्साहसिक कदम उठा सकता है। ताइवान पर चीन अपना दावा ठोकता है और उसे अपना अविभाज्य हिस्सा बताता है। यूकेन संकट के बाद से ही ताइवान सरकार अत्यधिक चौकस हो गई है। उसने नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल के तहत यूकेन वर्किंग ग्रुप भी बना दिया है। गत दिनों इस वर्किंग ग्रुप की बैठक में ताइवनी राष्ट्रपति साईरंग-वेन ने कहा कि हमें क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों को लेकर सतर्पता और निगरानी बढ़ा देनी चाहिए और दूसरे देशों द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं से निपटना चाहिए, हालांकि उन्होंने चीन का सीधे-सीधे नाम नहीं लिया पर पर इशारा साफ था। पिछले हफ्ते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी ताइवान के लिए खतरे की चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पश्चिमी देश यूकेन की स्वतंत्रता को लेकर अपने वादे को नहीं निभाते हैं तो दुनिया में इसके गंभीर नतीजे होंगे। इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए बुधवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहाöताइवान यूकेन नहीं है। ताइवान हमेशा से चीन का अविभाज्य हिस्सा रहा है। यह एक निर्विवाद और ऐतिहासिक तथ्य है। ताइवान और यूकेन की स्थिति को समान बताने की कोशिशों को भी खारिज कर दिया। बता दें कि पिछले दो साल से चीन ने सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं।

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