Sunday 21 October 2012

डीएलएफ भुगतान के लिए वाड्रा के पास 7.94 करोड़ आए कहां से?


 Published on 21 October, 2012
  अनिल नरेन्द्र
रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ की विवादित सौदेबाजी दिन प्रति दिन नए सवाल खड़े कर रही है। हैरानगी की बात यह है कि इस जमीन के सौदे पर न तो रॉबर्ट वाड्रा और न ही डीएलएफ की तरफ से कोई सही संतोषजनक जवाब दिया गया है। नया खुलासा कारपोरेशन बैंक की ओर से आया है। ज्ञात हो कि रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट ने कम्पनी रजिस्ट्रार के समक्ष दाखिल वित्तीय वर्ष 2007-08 की लेखा रिपोर्ट में दावा किया है कि कारपोरेशन बैंक की दिल्ली स्थित न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी शाखा ने कम्पनी को ओवर ड्राफ्ट सुविधा प्रदान की है। लेखा रिपोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां एम. वाड्रा के हस्ताक्षर हैं यानि कि कारपोरेशन बैंक के ओवर ड्राफ्ट एकाउंट से स्काई लाइट कम्पनी ने 7.94 करोड़ निकाले और इससे डीएलएफ को भुगतान किया गया। शुक्रवार को कारपोरेशन बैंक के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अजय कुमार ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि उनके बैंक ने वाड्रा की कम्पनी को कोई लोन या ओवर ड्राफ्ट सुविधा प्रदान नहीं की है। अजय कुमार के बयान के बाद यह सवाल और गहरा जाता है कि आखिर रॉबर्ट वाड्रा के पास 7.94 करोड़ की वह रकम कहां से आई जो उन्होंने अपनी कम्पनी की बैलेंस शीट में ओवर ड्राफ्ट के जरिए मिली दिखाई है? अजय कुमार ने अहमदाबाद के प्रह्लाद नगर में बैंक की शाखा के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वाड्रा और डीएलएफ सौदेबाजी से उनके बैंक का कोई लेना-देना नहीं है। वाड्रा को 7.94 करोड़ के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा के बारे में कुमार ने कहा कि कई बार बताया जा चुका है कि बैंक ने वाड्रा के स्वामित्व वाली कम्पनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी को कोई लोन अथवा ओवर ड्राफ्ट नहीं दिया है। इस बारे में मीडिया में जो कुछ भी छप रहा है, उसे ध्यान से देखें तो पता चल जाएगा कि यह सिर्प कम्पनी का लेखा अभ्यास है। वैसे यह एक अजीब इत्तिफाक है कि रॉबर्ट वाड्रा, सलमान खुर्शीद और नितिन गडकरी के नाक में दम करने वाले अरविन्द केजरीवाल और हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका दोनों ही आईआईटी खड़गपुर के विद्यार्थी रहे हैं। अरविन्द केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं जबकि अशोक खेमका रहने वाले भले ही पश्चिम बंगाल के हैं लेकिन वह हरियाणा कैडर के ही आईएएस अधिकारी हैं। दोनों ने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम चला रहे केजरीवाल और खेमका की पढ़ाई में एक साल का अन्तर था। खेमका उनके सीनियर हैं। 30 अप्रैल 1965 को बंगाल में जन्मे खेमका ने 1988 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया। इसके अलावा वे एमबीए और कम्प्यूटर साइंस में भी पीएचडी हैं। केजरीवाल ने खड़गपुर से 1989 में बीटेक किया दोनों के मुद्दे और मुहिम एक जैसी होने का ही नतीजा है कि अरविन्द केजरीवाल ने खेमका के तबादले पर राज्य सरकार से पूछा कि वह अपनी स्थानांतरण नीति स्पष्ट करे। क्या वाड्रा के खिलाफ जांच का आदेश देने पर खेमका का तबादला किया गया?

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