Friday, 26 October 2012

बाबा रामदेव का केंद्र और राज्य सरकार से बढ़ता टकराव


 Published on 26 October, 2012
 अनिल नरेन्द्र
 बाबा रामदेव की सम्पत्तियों और उनके गुरू शंकर देव के गायब होने की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति को लेकर बाबा और सरकार से टकराव बढ़ गया है। बाबा के निशाने पर अब दोनों केंद्र और उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी का रोबोट बताने, रॉबर्ट वाड्रा को सरकारी दामाद बताने और केंद्र सरकार पर एफडीआई आदि के मामले में सीधे वार किए जाने से केंद्र सरकार बाबा से बुरी तरह चिढ़ी हुई है। रामदेव के गुरू स्वामी शंकर देव को अब सीबीआई ढूंढ़ेगी। सीबीआई उनके गुरू को ढूंढ़ने के बहाने रामदेव की भी जांच करेगी। फर्जी पासपोर्ट और फर्जी मार्पशीट को लेकर उनके साथी आचार्य बालकृष्ण पर पहले ही मुकदमा दर्ज कर रखा है, जिसकी जांच चल रही है। याद रहे कि आचार्य को जेल में भी भेजा गया था। बाद में उनकी नैनीताल हाई कोर्ट से जमानत हुई थी। स्वामी रामदेव के गुरू शंकर देव पांच साल पहले 14 जुलाई 2007 को अचानक अपने कनखल के आश्रम दिव्य योग मंदिर कृपालु बाग से गायब हो गए थे। दो दिन बाद 16 जून, 2007 को आचार्य बालकृष्ण ने अपने गुरू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। तब बाबा रामदेव विदेश में थे। विदेश से लौटने के बाद गुरू की गुमशुदगी को लेकर प्रेस कांफ्रेंस भी की। मगर पुलिस उनके गुरू को तलाशने में असमर्थ रही और इस साल अप्रैल 2012 को गुमशुदगी की फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके बाद बाबा रामदेव के विरोधी संत समिति के सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णन ने सीबीआई से रामदेव की सम्पत्तियों और उनके गुरू  के गायब होने की जांच कराने की मांग को लेकर उत्तराखंड के राज्यपाल को ज्ञापन दिया था। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने दिल्ली में केंद्र सरकार के कई नेताओं से विचार करने के बाद बाबा रामदेव की सम्पत्तियों और उनके गुरू की गुमशुदगी मामले की जांच कराने की सीबीआई से सिफारिश कर दी। यहीं से बाबा की मुश्किलें बढ़ गईं। आयकर विभाग के बाद सेवाकर विभाग ने भी बाबा रामदेव के ट्रस्ट को छूट के दायरे में मानने से इंकार कर दिया है। बीते पांच सालों में ट्रस्ट को सदस्यता शुल्क के रूप में मिली राशि पर करीब पौने आठ करोड़ का सेवाकर मांगा गया है। इससे पहले बाबा द्वारा देशभर में लगाए जाने वाले योग शिविरों पर करोड़ों का सेवाकर का नोटिस भेजा गया था। बाबा रामदेव के ट्रस्ट पतंजलि योग पीठ की स्थायी और अस्थायी सदस्यता लेने पर तमाम प्रकार की सुविधाएं मिली हैं। सदस्यों को संस्था के हरिद्वार स्थित भव्य परिसर में रहने, खाने के अलावा एक्सक्लूसिव योग कैम्प में हिस्सा लेने का अवसर मिलता है। सुविधाएं सदस्यता शुल्क के हिसाब से उपलब्ध कराई जाती हैं। अधिकतम 11 लाख रुपए में आजीवन सदस्यता दी जाती है। इसके अलावा पतंजलि आयुर्वेद धर्म की तमाम भूमि-सम्पत्ति को बाबा की ही कम्पनियों को किराया दिया जाता है। इसके अलावा दिव्य फार्मेसी को भी गोदाम, कार्यालय आदि के लिए किराये पर दिया गया है। बाबा द्वारा देशभर में आयोजित किए गए योग शिविरों से हुई आय पर 4.9 करोड़ की सेवाकर डिमांड निकाली गई है। स्वामी रामदेव ने केंद्र और राज्य सरकार पर बदले की भावना से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया है और कहाöवे दबने वाले नहीं हैं, उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

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