Tuesday 23 October 2012

और अब केजरीवाल और टीम ही कठघरे में खड़ी


 Published on 23 October, 2012
 अनिल नरेन्द्र
 दूसरों को कठघरे में खड़ा करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने जब अपना घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने का अभियान शुरू किया था तो पता नहीं कि उन्होंने यह कल्पना भी कभी की थी कि उन पर भी जवाबी हमले हो सकते हैं और वह भी कठघरे में खड़े हो सकते हैं। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में अब केजरीवाल की टीम भी निशाने पर आ गई है। घोटालों की पोल खोलने वालों में केजरीवाल के साथ उनकी टीम की बहुत बड़ी भूमिका है। घोटालों की पोल खोल का अभियान खासतौर पर इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सिपहसलार चला रहे हैं। कांग्रेस, एनसीपी, भाजपा सभी पर टीम ने हमला किया है। अब टीम केजरीवाल के इस अभियान को पुंद करने के लिए राजनीतिक दल भी जवाबी कार्रवाई करने लगे हैं। कांग्रेस के महासचिव और बड़बोले नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को खुद अरविन्द केजरीवाल पर ही हमला बोल दिया। दिग्विजय ने केजरीवाल पर 27 सवाल दाग दिए। ये सवाल केजरीवाल की नौकरी, एनजीओ और आंदोलन से जुड़े हैं। उन्होंने कुछ निजी सवाल भी पूछे हैं। हालांकि अरविन्द केजरीवाल ने दिग्विजय सिंह की इस प्रश्नावली का जवाब तो नहीं दिया पर हम यह कह सकते हैं कि कांग्रेस ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टीम केजरीवाल की एक चर्चित कार्यकर्ता हैं अंजलि दमानिया। उन्होंने केजरीवाल के साथ भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर तमाम आरोप लगाए। अंजलि दमानिया पर खुद आरोप लग गए हैं और यह आरोप गम्भीर प्रतीत होते हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2007 में किसान की हैसियत से विदर्भ इलाके में 7 एकड़ जमीन खरीदी थी जिसका बाद में लैंड यूज बदलाकर उन्होंने भारी कमाई की। उन्होंने अपने आपको किसान होने का गलत दावा किया जबकि दमानिया ने ही एनसीपी नेता अजीत पवार और गडकरी को तमाम आरोपों के कठघरे में खड़ा किया है। टीम केजरीवाल के दूसरे सदस्य प्रशांत भूषण जो पेशे से वकील हैं पर आरोप है कि वह अपनी पत्नी के नाम पर जो ट्रस्ट चला रहे हैं उसने हिमाचल में नियमों के खिलाफ जमीन ली है। उनके पिता शांति भूषण पर यूपी सरकार से नोएडा में सस्ती दरों पर फार्म हाउस और इलाहाबाद में कम स्टाम्प ड्यूटी देकर एक घर खरीदने का भी आरोप है। एक अन्य केजरीवाल टीम के सदस्य मयंक गांधी इंडिया अगेंस्ट करप्शन की मुंबई शाखा के प्रमुख हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने चाचा की कंस्ट्रक्शन कम्पनी को दक्षिण मुंबई में जमीन दिलाने में मदद की। महाराष्ट्र सरकार अनियमितता के आरोप में जमीन के इस सौदे को रद्द कर चुकी है। इन आरोपों के चलते खुद टीम केजरीवाल की साख पर सवालिया निशान लग गया है। फिलहाल बचाव के लिए केजरीवाल ने प्रशांत, मयंक और अंजलि पर लगे आरोपों पर जांच बैठाने का ऐलान किया है। इन पर लगे आरोपों की जांच पड़ताल हाई कोर्ट के तीन रिटायर जज जस्टिस एपी शाह, जस्टिस बीएच मर्ल्लापल्ले और जस्टिस जसपाल सिंह करेंगे। ये तीनों जज केजरीवाल की नई पार्टी के मामलों के लिए लोकपाल की भूमिका भी निभाएंगे। अब देखना यह है कि अरविन्द केजरीवाल अपने और अपनी टीम पर लगे आरोपों की कालिख कितनी जल्दी हटा पाएंगे? फिर केजरीवाल पर हमले तो अब शुरू हुए हैं, इनकी रफ्तार और धार और तेजी से बढ़ेगी।

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