Friday 19 October 2012

बौखलाए सलमान खुर्शीद ने सारी हदें लांघीं


 Published on 19 October, 2012
 अनिल नरेन्द्र

यकीन नहीं हो रहा कि केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद इतने बौखला गए हैं कि वह सारी मर्यादाएं, सीमाएं भूल गए हैं। विकलांगों के नाम पर मिली सरकारी रकम की धांधली के आरोप में फंसे सलमान खुर्शीद झल्लाहट में राजनीतिक मर्यादा भी भूल गए। फर्रुखाबाद में सलमान के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान कर चुके अरविन्द केजरीवाल को उन्होंने वहां से लौटकर न आ पाने की धमकी तक दे डाली। खुर्शीद ने मंगलवार की रात एक निजी समारोह में यह बयान कैमरे के सामने दिया इसलिए अब वह यह भी नहीं कह सकते कि मेरा बयान मीडिया ने तोड़मरोड़ कर पेश किया है। इस समारोह की फुटेज कुछ खबरिया चैनलों ने प्रसारित की। इसमें उन्होंने दो कदम आगे बढ़कर कहा कि मुझे कानून मंत्री बनाया गया है और कलम के साथ काम करने को कहा गया है। मैं कलम से काम करूंगा। लेकिन लहू से भी काम करूंगा। केजरीवाल ने एक नवम्बर से फर्रुखाबाद में धरना देने की चेतावनी दी है। उनकी इस घोषणा का जिक्र करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि वे फर्रुखाबाद जाएं। लेकिन वे फर्रुखाबाद से लौटकर भी आएं। खुर्शीद ने जब यह धमकी दी तो उस समय कार्यक्रम में उनकी पत्नी लुईस भी मौजूद थीं। कानून मंत्री ने कहा कि वे (केजरीवाल) सवाल पूछेंगे और आपको जवाब देने होंगे। हम कहते हैं कि आप जवाब सुनें सवाल पूछने के बारे में भूल जाएं। केजरीवाल ने मंत्री के इस बयान को अपने लिए जान का खतरा बताया है। केजरीवाल ने कहा कि सलमान खुर्शीद ने मुझे धमकी दी है। उन्होंने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वह देश के कानून मंत्री को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि मुझे मारने से कुछ नहीं होगा क्योंकि देश जाग गया है। अगर एक अरविन्द मारा जाता है तो 100 अरविन्द और खड़े होंगे। इस तरह से धमकाने के बजाय बेहतर होगा कि कांग्रेस लोगों के गुस्से को महसूस करे और भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ और कदम उठाए। श्री सलमान खुर्शीद ने चूंकि कैमरे के सामने यह धमकी दी है तो यह एक अपराध है और इसमें उनके खिलाफ धमकी देने का मुकदमा दर्ज हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति अदालत का दरवाजा खटखटाता है तो निश्चित रूप से सलमान बच नहीं सकते और चूंकि वह एक केंद्रीय मंत्री हैं इसलिए यह अपराध और भी संगीन हो जाता है। खुर्शीद जितना बचने का प्रयास कर रहे हैं उससे कहीं ज्यादा अपने इस दल-दल में फंसते जा रहे हैं। दरअसल अब वे कांग्रेस पार्टी और मनमोहन सिंह सरकार के लिए एक बोझ बन गए हैं, एक लाइबिलिटी बन गए हैं। बेहतर है कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं होती  तब तक सलमान खुर्शीद को मंत्री पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए और अगर वह ऐसा करते हैं तो पार्टी और सरकार दोनों का भला ही करेंगे।

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