Published on 25 October, 2012
अपनी-अपनी राय हो सकती है। मेरी राय में कांग्रेस महासचिव दिग्विजिय सिंह ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविन्द केजरीवाल से सीधा सवाल पूछकर ठीक नहीं किया। बेशक उन्होंने जवाबी हमला किया पर इससे उल्टा संप्रग सरकार और कांग्रेस नेतृत्व को ही नुकसान हो सकता है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय के इस अभियान से अपने आपको अलग कर लिया है। पार्टी महासचिव व मीडिया विभाग के अध्यक्ष जनार्दन द्विवेदी का कहना है कि ये सवाल श्री सिंह ने अपने स्तर पर पूछे हैं और इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं पार्टी के दूसरे नेता भी इन सवालों को महत्व नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि इससे केजरीवाल घिरने की बजाय ज्यादा आक्रमक हो जाएंगे क्योंकि यह सवाल इतने कमजोर हैं कि इससे जनता में यह संदेश ही जाएगा कि कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली सरकार के लाख खोजने के बाद केजरीवाल के खिलाफ कुछ नहीं निकाल। क्योंकि अगर कांग्रेस के पास कुछ मजबूत तथ्य केजरीवाल के खिलाफ होते तो दिग्विजय सिंह को ऐसे सवालों का सहारा नहीं लना पड़ता। मिसाल के तौर पर दिग्विजय ने एक सवाल में पूछा है कि अपनी सरकारी नौकरी के दौरान केजरीवाल 20 साल तक दिल्ली में ही क्यों टिके रहे? उनका तबादला कहीं और क्यों नहीं हुआ? अब ये बात तो कोई गांव का देहाती आदमी भी बता देगा कि तबादला करना तो सरकार के हाथ में है और पिछले 15 सालों से दिल्ली की सत्ता कांग्रेस के पास है और केंद्र में भी वह 8 साल से राज कर रहे हैं। तो सवाल तो उलटा सरकार से पूछा जाना चाहिए कि उसने केजरीवाल का ट्रांसफर क्यों नहीं किया? दिग्विजय के केजरीवाल से सवाल पूछना का एक नतीजा यह जरूर हुआ कि केजरीवाल ने सभी को लपेट लिया। भ्रष्टाचार को बेनकाब करने की मुहिम में जुट केजरीवाल से पंगा लेकर दिग्विजय न खुद और अपनी पार्टी के लिए मुसीबत मोल ले ली है। 27 सवालों का तीर दागने वाले दिग्गी राजा के पत्र पर रविवार को आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए केजरीवाल ने एक चतुर खिलाड़ी की तरह गेंद कांग्रेस पाले में डाल दी। चिट्ठी का जवाब देने के बजाय केजरीवाल ने मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा सभी को लपेट लिया। केजरीवाल ने कहा कि हमने भी रॉबर्ट वाड्रा और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे हैं। पहले उन्हें हमारे सवालों का जवाब देना चाहिए। उसके बाद हम दिग्विजय के सभी प्रश्नों का उत्तर दे देंगे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा मैं दिग्विजय से अनुरोध करता हूं कि वह वाड्रा प्रकरण पर खुली बहस के लिए मनमोहन सिंह, सोनिया या राहुल गांधी को प्रेरित करें। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार के आरोपों से कांग्रेस आलाकमान और रॉबर्ट वाड्रा जब खुद को बेदाग साबित कर देंगे तभी इंडिया अगेंस्ट करप्शन भी अपने खिलाफ उठाए गए सवालों का जवाब देगी। केजरीवाल ने सवालिया अन्दाज में पूछा क्या दिग्विजय इस बात के लिए तैयार हैं कि हम एक-दूसरे से खुले सवाल पूछें और जनता भी हम दोनों पक्षों (कांग्रेस और आईएसी) से निजी और सार्वजनिक मसलों पर सवाल पूछने के लिए आजाद हो?
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